गौवंशीय अवशेष मिलने पर मचा हड़कंप
# पशु चिकित्सक के बयान पर भड़के ग्रामीण, हिन्दू वादी संगठन के लोग, बुलाना पड़ा दूसरा डॉक्टर
# सूचना पर पहुंची पुलिस सैम्पलिंग कराते हुए, अवशेष को कराया जमींदोज
सुइथाकला, जौनपुर।
राजेश चौबे
तहलका 24×7
क्षेत्र के असैथा नौरंग पट्टी स्थित कुंवर नदी पुल के पास गौवंशीय अवशेष पाए जाने पर हिन्दूवादी संगठन समेत अन्य लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। हिन्दूवादी संगठन के लोगों ने जहां क्षेत्र में लगातार हो रही गोकशी को लेकर अफसोस जताया, वहीं मौके पर पहुंची पुलिस पशु चिकित्सक की उपस्थिति में सैंपलिंग कराते हुए अवशेषों को जमींदोज करायी।

रविवार सुबह क्षेत्र के त्रिकोलिया अखण्डनगर मार्ग पर उक्त गांव के पास बने पुल के नीचे बोरा समेत अन्य जगहों पर गौवंशीय पशुओं के सिर और मांस बिखरे हुए पाए गए। जिसकी सूचना मिलते ही लोगों में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते मौके पर आस पास के लोगों समेत हिन्दूवादी संगठन के लोगों का जमावड़ा होने लगा। मामले में गौरक्षक संघ के लालजी मिश्र ने क्षेत्र में हो रही गोकशी को लेकर अफसोस जताया, वहीं विश्व हिन्दू परिषद के प्रखण्ड अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने गोकशी को लेकर नाराजगी जताई।

लोगों द्वारा आधे दर्जन से अधिक गौवंशीय सिर और मांस पाए जाने की संभावना जताई गई।सूचना पर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह व चौकी प्रभारी अरसिया रितेश कुमार द्विवेदी मौके पर पहुंच प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी सुइथाकला डा.सूरज की मौजूदगी में जांच हेतु सैंपल भिजवाए। बाकी अवशेष को जेसीबी मशीन से खुदाई करा जमींदोज करा दिया गया। मामले में थानाध्यक्ष ने जहां अवशेषों को एक सप्ताह पुराना बताया, वहीं हिन्दू वादी संगठन द्वारा मिली तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की बात कही।

फिलहाल मामले को लेकर लोग काफी आक्रोशित दिखे।
कुंवर नदी का किनारा एक बार तो उस समय कुरूक्षेत्र का मैदान बनते बनते बच गया, जब सैंपलिंग के लिए अरसिया राजकीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर चन्द्रभान यादव मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचते ही बड़े ही बेबाकी के साथ उन्होंने ग्रामीणों पर ही गौवंशीय अवशेषों को फेंकने का आरोप मढ़ डाला।

फिर क्या था? मामला इस तरह गर्म हो गया कि ग्रामीण और हिन्दू वादी संगठन के लोग उक्त चिकित्सक पर भड़क गए और आरोप सिद्ध करने के लिए सैंपलिंग दूसरे चिकित्सक से कराने की जिद पर अड़ गए। मौके की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने ग्रामीणों को समझाते हुए उक्त चिकित्सक को वापस भेज कर प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी सुइथाकला डाक्टर सूरज को मौके पर बुलवाया। तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और सैंपलिंग के साथ ही अवशेषों को जमींदोज किया जा सका।