जौनपुर : काली मंदिर में उमड़ी दर्शनार्थियों की भारी भीड़
बदलापुर। दीपक श्रीवास्तव तहलका 24×7 कस्बे के पूर्वी छोर पर डाकबंगला के समीप नेशनल हाईवे के किनारे माँ काली की प्रतिमा मनोहारी है। क्षेत्र में ऐसे आकर्षक भव्य कालिका धाम मंदिर की महिमा अत्यन्त निराली है। यहां पर नित्य भक्तों द्वारा माँ का दर्शन पूजन एवं श्रद्धा समर्पण से तत्काल मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है।
नवरात्रि में मां काली का दर्शन करने के लिए दूर-दराज क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग यहां पर आ रहे हैं। भोर में ही मंदिर का कपाट पूजन अर्चन के बाद भक्तों के लिए खुल जाता है। यहां पर नवरात्रि के पहले दिन से ही मां भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है। श्रद्धालु नारियल, चुनरी व अड़हुल की माला अर्पित कर हाजिरी लगा रहे हैं।इस मंदिर की स्थापना मन की मुराद पूरी होने पर सन् 1997 में क्षेत्र के ग्राम सरोखनपुर निवासी ख्यातिप्राप्त उद्योगपति स्व अशोक शुक्ल ने की थी।
क्षेत्र में यह मंदिर कलकत्ता वाली काली के नाम से जाना जाता है। मंदिर के पुजारी आचार्य पंकज मिश्र ने बताया कि यह स्थलीय काली जी की सनातनी सिद्धपीठ है। जो भक्तों के भाग्य का नवसृजन कर देती हैं। ज्ञान, भक्त, बैराग्य का संवर्द्धन कर शान्ति, भक्ति, आनन्द समृद्धि एवं अपार करुणा का विस्तार कर देती है। कलयुग में काली जी की कृपा अपार है। जो व्यक्ति सच्चे दिल से मां का नाम का प्रतिपल स्मरण करता है, उसके भाग्य का कपाट खुल जाता है। मां की कृपा जब भक्तों पर हो जाती है तो असंभव भी संभव हो जाता है। मन्दिर पर महीनें में अनुष्ठान चलता रहा है।
इस बार चैत्र नवरात्रि में 8 अप्रैल शुक्रवार को कालरात्रि का दिन है। इस दिन सप्तमी है। यह दिन मां काली का सर्वशक्ति एवं सौभाग्य प्रदायक है। इस दिन मां का दर्शन, पूजन-अर्चन, स्मरण जीवन को ज्योर्तिमय तथा मंगलमय कर देता है। कलयुग में काली जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। नवरात्रि में दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए मन्दिर पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध है।