स्पेशल डेस्क। राजकुमार अश्क़ तहलका 24×7 सभी मुसलमान भाईयों को चांद मुबारक हो… रमज़ान मुबारक के चांद की दस्दीक आज शाम हो गया इसी के साथ एक महीने तक चलने वाले रोजा की शुरुआत भी हो गया। कल 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा।
इस्लामिक कैलेंडर का यह नौ महीना सबसे पाक महीना माना जाता है। इसमें हर बालिग मुसलमान के लिए खुदा ने रोजा रखना फर्ज किया है, अलसुबह से लेकर शाम तक बिना कुछ भी खाए-पीए उपवास रखना पड़ता है।अलसुबह जो कुछ खा पीकर रोजा रखने के लिए नियत बाधी जाती है उसे सहरी तथा शाम को मगरिब की अज़ान के बाद जब रोजा खोला जाता है तो इफ्तार कहा जाता है।
इफ्तार का मतलब है बंदिश को खोलना दिन भर हर रोजेदार बंदिश में रहता है यानि बिना कुछ भी खाएं पीए पूरा दिन रहता है उसी बंदिश को शाम को इफ्तार की करके खोला जाता है। इस वक्त हर मुसलमान अल्लाह की पनाह में रहकर अपने किए गये गुनाहों के लिए माफी मांगता है और खुदा की इबादत करता है। कहा जाता है कि इस समय किए इबादत की सवाब सत्तर गुना ज्यादा मिलता है….