नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को 20 साल की सजा, 25 हजार रुपया जुर्माना
गाजीपुर।
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पॉक्सो कोर्ट ने अपनी तेरह साल की बेटी से दुष्कर्म के आरोपी पिता को 20 साल की कठोर कारावास की सज सुनाई है। साथ ही आरोपी पर 25 हजार रुपये के अर्थदंड भी लगाया है। मामला 2017 में सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था, जिस पर बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।शासकीय अधिवक्ता प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राम अवतार प्रसाद ने यह महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया।

उन्होंने बताया कि यह 2017 की एक बेहद शर्मनाक घटना है, जहां एक पिता अपनी ही 13 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। बच्ची की मां और भाई घर से बाहर रहते थे, आरोपी पिता ने बच्ची को इतना डरा रखा था कि वह किसी से कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं कर पाई थी। इस जघन्य अपराध का खुलासा तब हुआ, जब बच्ची अपनी नानी के पास मुंबई गई, बच्ची के असामान्य व्यवहार को देखकर नानी ने उसे डॉक्टर को दिखाया।

डॉक्टर द्वारा काउंसलिंग किए जाने पर बच्ची ने अपने पिता के बारे में सारी बातें बताईं।इसके बाद डॉक्टर ने नानी को सूचित किया और नानी ने गाजीपुर आकर सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के दौरान पीड़िता और उसकी मां ने अभियोजन के कथानक का समर्थन किया।न्यायालय ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत 20 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इस अर्थदंड की आधी राशि पीड़िता को दी जाएगी।

इसके अतिरिक्त, आरोपी को आईपीसी की धारा 354 में 3 वर्ष और धारा 506 में 2 वर्ष के कारावास की सजा भी सुनाई गई है।सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जिससे कुल 25 वर्ष की सजा प्रभावी रूप से 20 वर्ष की होगी। अधिवक्ता प्रभु नारायण सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, तब से वह जेल में ही है। उसे उच्च न्यायालय से भी जमानत नहीं मिल पाई थी।