भाजपा ने फैलाया टैक्स आतंकवाद, जीएसटी मतलब गब्बर सीतारमण टैक्स : पवन खेड़ा
जयपुर।
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कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन प्रमुख और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेड़ा ने जयपुर में जीएसटी पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने जीएसटी को गब्बर सीतारमण टैक्स की संज्ञा दी और कहा कि इसके जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह डरपोक और कायरों की सरकार है।पीएम नरेंद्र मोदी सबसे बड़े कायर हैं, जो बिना टेलिप्रॉम्पटर के एक शब्द भी नहीं बोल पाते हैं।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, संगठन महासचिव ललित तूनवाल, महासचिव जसवंत गुर्जर, प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी और विधायक अमित चाचाण भी मौजूद रहे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि देश में जीएसटी लागू हुए 90 महीने हो चुके हैं। इस बीच कमोबेश हर दिन इसे लेकर एक नया सर्कुलर निकला है। जीएसटी का आधार सरलीकरण था, लेकिन यह कैसा सरलीकरण है कि 90 महीने में हर दिन एक नया सर्कुलर निकाला गया। उन्होंने कहा कि लोकसभा सत्र से पहले कांग्रेस जीएसटी का मुद्दा उठा रही है ताकि जब सदन चले तो सबका ध्यान इस तरफ जाए।
श्री खेड़ा ने कहा कि जीएसटी से गरीब तबके और मध्यम वर्ग को ज्यादा नुकसान हुआ है। इस तबके को जीएसटी से सबसे ज्यादा चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का 64 फीसदी हिस्सा देश कि 50 फीसदी आबादी ने दिया है। जबकि तीन फीसदी आबादी वाले अमीर लोगों ने महज दस फीसदी हिस्सा दिया है।जीएसटी की सबसे ज्यादा मार मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी और गरीब आम जनता पर पड़ी है।आज की तारीख में जीएसटी के 9 स्लैब हैं। कहा इस सरकार ने आजादी के बाद पहली बार किसानों के उपकरणों पर जीएसटी नहीं लगाया। इससे पहले किसी भी सरकार ने किसान उपकरणों पर टैक्स नहीं लगाया था। इस सरकार ने टैक्स आतंकवाद फैलाया।
इन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था, लेकिन टैक्स लगाकर किसानों की लागत दोगुनी कर दी। पांच साल में इनकम टैक्स में 240 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसका आमजन को क्या लाभ मिला। उन्होंने कहा कि विदेशी विशेषज्ञ भी जीएसटी को नहीं समझ पाए। यहां तक कि प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे और जीएसटी के आर्किटेक्ट अरविंद सुब्रमण्यन ने भी इसे एक राष्ट्रीय त्रासदी बताया था। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2017 में कहा था कि हम तो खुद जीएसटी लागू करना चाहते थे, लेकिन जिस तरीके से इसे बिना तैयारी के लागू किया जा रहा है, यह गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने की नीति है।
पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा का अपना कोई नायक नहीं है। इसलिए कभी सरदार पटेल को हमसे छीनने का प्रयास करते हैं, कभी महात्मा गांधी को, कभी सुभाष चन्द्र बोस को। इनसे पूछना चाहिए कि सावरकर ने छत्रपति शिवाजी के लिए क्या शब्द इस्तेमाल किए। अगर इन्होंने वह पढ़ा होता तो सावरकर का नाम नहीं लेते। महिलाओं के लिए सावरकर ने क्या टिप्पणी की थी? बौद्ध धर्म और बाबा साहेब अंबेडकर के लिए सावरकर ने क्या कहा? यह एक बार पढ़ लें तो नाम लेना भूल जाएंगे।