शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षक को मिला प्रमोशन
भागलपुर।
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बिहार के भागलपुर जिले में शिक्षा विभाग एक बार फिर अपनी लापरवाही के कारण सुर्खियों में है। जिला शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा ने स्नातक परीक्षित वेतनमान में पदोन्नति के लिए 20 शिक्षकों की सूची जारी की, जिसमें शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए शिक्षकों को कार्यालय बुलाया गया। इस सूची में मृत शिक्षक मनोज कुमार झा का नाम भी शामिल था, जो विभाग की गंभीर चूक को दर्शाता है। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि शिक्षकों को मूल प्रमाण पत्र, सेवा पुस्तिका और अन्य दस्तावेजों के साथ स्वयं उपस्थित होना होगा।

शाहकुंड के मध्य विद्यालय शिव शंकरपुर के शिक्षक मनोज कुमार झा की मृत्यु 22 मार्च को पटना में इलाज के दौरान हो गई थी। वे कैंसर से पीड़ित थे। उनके परिजनों ने मृत्यु की सूचना विभाग को दे थी और मृत्यु प्रमाण पत्र प्रखंड कार्यालय में जमा किया था। बावजूद इसके पदोन्नति के लिए जारी नोटिस में उनका नाम शामिल किया गया, जिससे परिजन आहत हैं और विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार 20 शिक्षकों को साहित्यालंकार उपाधि सहित अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया गया है।

ये उपाधियां हिंदी विद्यापीठ, देवघर द्वारा जारी की गई हैं। शिक्षकों को मूल सेवा पुस्तिका, प्रवेश पत्र, अंक पत्र और योग्यतावर्धन के लिए विभागीय अनुमति पत्र लाने को कहा गया है। जांच के बाद ही पदोन्नति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।यह पहला मौका नहीं है जब भागलपुर शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षकों को नोटिस जारी किया हो। कुछ समय पहले मनोज कुमार झा का नाम परीक्षा ड्यूटी के लिए भी जारी किया गया था, जबकि उनकी मृत्यु हो चुकी थी।

इसी तरह, इस साल 21 मार्च को 1388 शिक्षकों से अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसमें एक दर्जन से अधिक मृत या सेवानिवृत्त शिक्षकों के नाम शामिल थे। इन गलतियों ने विभाग की लापरवाही को उजागर किया है। इससे पहले 8 मई 2025 को कहलगांव प्रखंड के 373 शिक्षकों से स्कूल में देरी से आने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसमें मध्य विद्यालय औरंगाबाद की शिक्षिका उषा कुमारी का नाम शामिल था, जिनकी मृत्यु 5 फरवरी 2024 को हो चुकी थी। इस घटना ने भी शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद विभाग ने पोर्टल से लगभग 400 शिक्षकों का डाटा हटाया था।

जिला कार्यक्रम अधिकारी देवनारायण पंडित ने सफाई देते हुए कहा कि अभी किसी शिक्षक को पदोन्नति नहीं दी गई है। यह पत्र केवल प्रमाण पत्रों की जांच के लिए जारी किया गया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि मृत शिक्षक का नाम सूची में शामिल है, तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। हालांकि यह बयान विभाग की लापरवाही को छिपाने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। मध्य विद्यालय शिव शंकरपुर की प्रधानाध्यापक स्मृति कुमारी ने बताया कि मनोज कुमार झा की मृत्यु 22 मार्च को हो गई थी। मृत्यु प्रमाण पत्र प्रखंड कार्यालय में जमा किया गया था, जिसमें बीईओ का हस्ताक्षर भी है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इसके बावजूद विभाग ने ऐसा पत्र कैसे जारी कर दिया। उन्होंने इसे विभागीय स्तर की गलती बताया।