शीशमहल पर बवाल जारी, अब सीवीसी ने दिए जांच के आदेश
नई दिल्ली।
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दिल्ली के सिविल लाइन्स स्थित जिस सरकारी आवास में मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल रहते थे, वहां पर हुए अवैध निर्माण व भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने जांच के आदेश दिए हैं। विधानसभा के पूर्व नेता विपक्ष और रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस बगले के संबंध में शिकायत की थी।विजेंद्र गुप्ता द्वारा शीश महल (सरकारी बंगले का भाजपा द्वारा दिया गया नाम) के संबंध में दायर की गई शिकायतों पर सीवीसी ने जांच के आदेश दिए हैं।

इस सरकारी बंगले के निर्माण की जांच 14 अक्टूबर 2024 विजेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में दर्ज कराई थी।शिकायत में लिखा था कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज में फैले एक भव्य भवन के निर्माण के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया है। शिकायत में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजपुर रोड पर प्लॉट संख्या 45 और 47 (पहले टाइप-वी फ्लैट में वरिष्ठ अधिकारी और न्यायाधीश रहते थे) और दो बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में मिला दिया गया, जिससे ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो मानदंडों का उल्लंघन हुआ और उचित लेआउट प्लान का पालन नहीं किया गया।

प्राप्त शिकायत को देखने के दो दिन बाद 16 अक्टूबर 2024 सीवीसी ने आगे की जांच के लिए कार्रवाई शुरू की। 5 नवंबर 2024 सीवीसी ने औपचारिक रूप से शिकायत की प्राप्ति की पुष्टि की। शिकायत को आगे की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को भेज दिया गया। सीवीसी ने आश्वासन दिया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। 5 दिसंबर विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के आधार पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सीपीडब्ल्यूडी के मुख्य सतर्कता अधिकारी द्वारा सीवीसी को सौंपी गई। उसके बाद 13 फरवरी को तथ्यात्मक रिपोर्ट की जांच करने के बाद, सीपीडब्ल्यूडी के सीवीओ को मामले की विस्तृत जांच करने की सलाह दी गई।

अब सक्षम अधिकारी जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई करेंगे। उक्त मुख्यमंत्री आवास पर खर्च की जांच, इसके जीर्णोद्धार और आंतरिक साज-सज्जा पर फिजूलखर्ची के संबंध में सीवीसी में औपचारिक शिकायत के बाद अब इस पर कार्रवाई की जाएगी।मुख्य सतर्कता आयुक्त को दी गई अपनी शिकायत में गुप्ता ने भारी वित्तीय अनियमितताओं के बारे में लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास के लिए आलीशान सुविधाओं पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च किए।