सुल्तानपुर : अहंकार विनाश का मूल कारण है- डॉ मिश्रा
सूरापुर। मुन्नू बरनवाल तहलका 24×7 अहंकार विनाश का मूल कारण है। जब जीव रुपी किसान साधना रुपी खेती में सत्कर्म रुपी धान लगाता है और उसके ऊपर प्रशंसा रूपी जल की वर्षा होती है तब अहंकार रुपी घास उग जाती है जब अहंकार रुपी घास को विवेक रुपी खुरपी से बाहर निकाला जाता है, तभी सत्कर्म का धान घर में आता है। उक्त कथन वाराणसी से पधारे मानस मर्मज्ञ डॉ मदन मोहन मिश्र ने व्यक्त किए।
पं श्रीपति मिश्र मैरिज लान में चल रहे त्रिदिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के पहले दिन डॉ मिश्र ने कहा कि लंका सीता के संताप से, विभीषण के जाप से और रावण के पाप से जली थी। इसलिए नारी का शोषण नहीं होना चाहिए। इससे पूर्व मानस कोकिला सुधा पांडेय ने शिव-सती प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि जो प्रभु की कथा नहीं सुनता उसके जीवन में व्यथा आ जाती है। अहंकार श्रीराम कथा सुनने से ही नष्ट हो जाता है। प्रतापगढ़ से पधारे पं आशुतोष द्विवेदी ने शनिवार को पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हुए कहा कि जो स्वयं अपने मान का हनन कर लें वहीं हनुमान है। सात्त्विक वृत्तियों का संग ही सत्संग है। सत्संग हमें सबको सम्यक ढंग से जीवन जीने की कला सिखाता है।
इस अवसर पर अवधूत कपाली महराज ने लोगो से धर्म का आचरण करने की अपील किया। श्रीराम कथा से पूर्व भोजपुरी लोक गायक राहुल पांडेय रमन ने भक्ति गीत से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में रोहित गुप्ता, सानू पाठक, अजय मौर्य, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रहरि, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमृतलाल अग्रहरि आदि का विशेष योगदान रहा।