आजमगढ़-मऊ में बाढ़ का खतरा, नेपाल-उत्तराखंड से छोड़ा गया पानी
आजमगढ़।
फैज़ान अहमद
तहलका 24×7
उत्तराखंड और नेपाल से पानी छोड़े जाने पर पूर्वांचल के आजमगढ़ और मऊ जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। तटीय इलाकों में पानी घुसने लगा है और फसलें भी जलमग्न हो रही हैं। नेपाल से छह लाख 93 हजार 80 क्यूसेक पानी सरयू नदी में दो चरणों में छोड़ा गया है। इससे गुरुवार को मऊ जिले के दोहरीघाट में नदी फिर से उफान पर है। इस कारण कस्बा सहित तटवर्ती इलाकों के लोगो में हड़कंप मच गया है। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 1.30 मीटर में वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, आजमगढ़ जिले में उत्तराखंड और नेपाल से पानी छोड़े जाने की वजह से घाघरा नदी भी उफान पर है।
जलस्तर पर नजर डाली जाए तो मऊ जिले के गौरीशंकर घाट पर घाघरा का जलस्तर गुरुवार को 69.40 मीटर रहा। बुधवार को 68.10 मीटर था। 24 घंटे में 1.30 मीटर की वृद्धि दर्ज की गईं। नदी का खतरा बिंदु 69.90 मीटर है। नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि से कस्बे के मुक्तिधाम, भारतमाता मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, लोकनिर्माण विभाग का डाक बंगला, शाही मस्जिद, डीह बाबा का मंदिर सहित ऐतिहासिक धरोहरों पर खतरा मंडराने लगा है।
तटवर्ती इलाके के लोगों की मानें तो नदी के जलस्तर में वृद्धि का क्रम बरकरार रहा तो जलस्तर खतरा बिंदु पार होते ही नगर सहित तटवर्ती इलाकों में खलबली मचना तय है। तटवर्ती इलाकों में बची हुई फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। जलस्तर बढ़ने से धनौली रामपुर, नई बाजार, नवली, बहादुरपुर, पतनई, बीबीपुर ठाकुरगांव, सरया गोधनी, सरासो, गौरीडीह, जमीरा चौराडीह, कोरौली, बेलौली, पाऊस, ठिकरहिया, महुआबारी, रसूलपुर, सूरजपुर सहित तटवर्ती इलाकों में पानी घुसने की आशंका से किसान परेशान है।