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Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : “आज़ादी के नाम समर्पित एक शाम” पर आयोजित हुआ ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम

जौनपुर : “आज़ादी के नाम समर्पित एक शाम” पर आयोजित हुआ ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
              वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय, भारतीय भाषा, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से देश की आज़ादी के 75वीं वर्षगांठ पर आज़ादी का अमृत वर्ष समारोह का ऑनलाइन आयोजन रविवार की देर शाम किया गया।

एक शाम आज़ादी के नाम विषयक इस सांस्कृतिक संध्या में लोक भावना में व्यक्त आज़ादी की भावना पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता करती हुई विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत और नए विचारों- नए संकल्पो का अमृत है। आज हमें अपने अतीत के संघर्षों को याद कर नए सृजन का संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र अपने ज्ञात- अज्ञात समस्त आदरणीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति सदा कृतज्ञ है जिनकी बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत मे हैं।

इस अवसर पर उन्होंने अपनी बहु चर्चित रचना “जिंदगी धूप का एक टुकड़ा है” को भी सुनाया। समारोह के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के मनोविज्ञान विभाग के सहायक आचार्य एवं गीतकार डॉ. दुर्गेश उपाध्याय के द्वारा राष्ट्रभक्ति आधारित गीत “जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा”, बिदेसिया धुन पर आधारित “धरती कै सरग, सुघर भूमि भारत कै, देखि देखि मनवाँ लोभाय मोरे मितवा” एवं रचनाकार- पं. हरिराम द्विवेदी जी द्वारा रचित कजरी “श्याम जसुदा कै अंगने बकौवां चलैं, कभी पउवाँ पउवाँ चलैं ना” की प्रस्तुति दी गई।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात लोकगायक एवं श्री चण्डी मन्दिर रामस्वरूप गुप्त आदर्श संस्कृत महाविद्यालय राजाबाजार जौनपुर के प्राध्यापक डॉ सत्यनाथ पाण्डेय ने इस अवसर पर आम लोकजीवन में व्यक्त आजादी के रंग पर महात्मा गांधी जी पर केंद्रित अपनी प्रसिद्ध कजरी “रंगरेजवा भइया छापि दे चुनरिया रे, अचरवा गाँधी बाबा जी रहे”, शहीदों के नाम देशभक्ति गीत “देश भारत की शुचिता हैं कैसी, ये शहीदी कहानी से पूछो” और लोकधुन की मशहूर कजरी “गोरे रंग सोहे अंग पे भुजंग, तरंग गंग जटा जूट में” सुना कर प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आज़ादी के नाम एक शाम को समर्पित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो अजय द्विवेदी और धन्यवाद ज्ञापन सह-समन्वयक डॉ मनोज मिश्र ने किया। समारोह का संचालन आयोजन सचिव डॉ मनोज कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर एनएसएस समन्वयक डॉ राकेश यादव, प्रो वंदना राय, आचार्य विक्रमदेव, डॉ प्रमोद कुमार यादव, आयोजन सचिव अन्नू त्यागी, प्रो देवराज सिंह, डॉ संजीव गंगवार, डॉ पुनीत धवन, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ सौरभ पाल, डॉ प्रवीण सिंह सहित शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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