दफ्तरों में घूमा मृत महिला का भूत, आठ महीने बाद किया जिंदा
छिंदवाड़ा।
तहलका 24×7
               नगर निगम के कारनामे समय-समय पर सामने आते रहते हैं। अब एक महिला को नगर निगम के कर्मचारियों ने कागजों में मृत दिखा दिया। महिला को सराकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। महिला खुद के जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटती रही, आखिरकार जिला प्रशासन और नगर निगम ने माना कि महिला जिंदा है। अब उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू होगा।

दरअसल आठ माह पहले समग्र आईडी में मृत बताए जाने के बाद सिवनी रोड के पटाखा गोदाम के पास रहने वाली संध्या मंडराह को शासन की योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। संध्या पिछले 8 माह से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट कर कागजों में जिंदा करने की गुहार लगा रही थी। बावजूद इसके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।अब जिला प्रशासन के निर्देश पर आठ महीने से भटक रही महिला को न्याय मिला। बता दें कि संध्या मंडराह को अगस्त 2024 में मृत बता दिया गया था। महिला को पति के निधन पर संध्या को संबल योजना का लाभ नहीं मिल पाया।

लाड़ली बहना योजना और सरकारी राशन भी संध्या को मिलना बंद हो गया। आठ महीने से महिला सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर खुद के जिंदा होने का सबूत दे रही थी।छिंदवाड़ा नगर निगम के कमिश्नर चंद्र प्रकाश राय ने बताया संध्या मंडराह के समग्र आईडी में गलती से नाम मृतकों की सूची में डाल दिया गया था। जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया तो नगर निगम ने गलती सुधार करते हुए नाम जुड़वा दिया है।

जल्द ही महिला को सभी योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। समग्र आईडी एक यूनिक पहचान संख्या है, जिसे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के निवासियों को जारी किया जाता है।इसका उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लाभार्थियों की पहचान और प्रबंधन के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सेवाओं के लाभार्थियों की पहचान करना और उन्हें एकीकृत प्रणाली में शामिल करना है। इस आईडी के माध्यम से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करती है कि योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे।

                                    






