बरेली में टूट रहा है डेंगू के संक्रमण का रिकॉर्ड
# मौतों का नहीं कोई हिसाब, अब तक 562 मरीज मिले
बरेली।
तहलका 24×7
जिले में डेंगू बेकाबू हो रहा है। लोग जान गंवा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग मानने को तैयार नहीं।न ही उनके पास इन मौतों का कोई हिसाब है, हर मौत के बाद ऑडिट करने की बात कहकर महकमा पल्ला झाड़ लेता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी एक से डेढ़ माह तक मौसम मच्छरों के अनुकूल रहेगा।बहेड़ी क्षेत्र के गांव पिंडारी अशोक निवासी छत्रपाल की पत्नी रीना की शनिवार रात मौत हो गई। गुड़वारा के रहने वाले चंद्रकांत ने भी शनिवार देर रात दम तोड़ दिया। दोनों की एनएस-1 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव थी।
आशंका है कि जल्द डेंगू की रफ्तार नहीं थमी तो जिले में डेंगू के मरीजों का नया रिकॉर्ड बन जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में पहली बार जिले में डेंगू के 28 मरीज मिले थे। इसके बाद वर्ष 2021 में सर्वाधिक 595 केस मिले थे। इस साल जिस तेजी से डेंगू अपने पैर पसार रहा है, आशंका है कि इससे पुराने सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे। रविवार को 18 नए केस मिलने के बाद आंकड़ा 562 तक जा पहुंचा है। फिलहाल इसके थमने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां बेअसर रहने के बाद अब अफसर लोगों से स्वयं सक्रिय होकर मच्छरों से बचाव के लिए प्रयास की अपील कर रहे हैं।
# क्लस्टर न बनने से बढ़ता जा रहा प्रकोप
आईडीएसपी इंचार्ज डॉ. मीसम अब्बास के मुताबिक डेंगू के मच्छरों का प्रकोप साल दर साल एक क्षेत्र तक ही सीमित रहता है। मगर अबकी साल जिले के सभी तहसील और ब्लॉकों तक जा पहुंचा है। इससे कन्टेनमेंट एरिया निर्धारित न होने से रोकथाम की कार्रवाई में कठिनाई है। हालांकि, भोजीपुरा, मीरगंज, शीशगढ़ समेत शहर के सुभाषनगर, बानखाना, जाटवपुरा में डेंगू के सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं।
# उतार-चढ़ाव के बजाय खिंच रही सीधी रेखा
आंकड़ों पर गौर करें तो तीन साल में डेंगू के 1500 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इस साल अब तक डेंगू संदिग्ध 14 लोगों की मौत हुई है। डॉ. अब्बास के मुताबिक तीन साल पहले तक डेंगू का हमला एक साल अधिक, अगले साल कम था। 2014 में डेंगू के 28 मरीज रहे, पर 2015 में मरीजों की संख्या शून्य थी। क्रमवार 2016 में 52, 2017 में 73, 2018 में 01, 2019 में 264, 2020 में आठ केस थे।
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि डेंगू को नियंत्रित करने के लिए टीमें सक्रिय हैं। केस बढ़ने की एक वजह अबकी साल मौसम का मच्छरों के पनपने के अनुकूल होना भी रहा। सभी विभाग प्रभावित इलाकों में कार्रवाई कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे भी बचाव के इंतजाम करें।