सच्चाई के सच्चे प्रहरी थे रवि शंकर वर्मा : उपेंद्र सिंह
सुल्तानपुर।
तहलका 24×7
पत्रकारिता जगत में जौनपुर जनपद में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले पत्रकार रविशंकर वर्मा जी का असमय चलें जाना बहुत ही दुखदाई है।18 फरवरी की भोर में 2:30 बजे उनका निधन उनके आवास ओम् शांति गली शाहगंज में हुआ। पिछले कई महीने से वो कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रसित थे। चार वर्ष पूर्व उनके मुख का आपरेशन भी हुआ। परिवार में दो बेटियां नीतिका, शैलजा पुत्र जतिन और पत्नी अंजू हैं।
47 वर्ष कोई उम्र होती है! इसे ईश्वर का क्रूर नियम कहें की या विधि का विधान। घाट पर जब नौ वर्ष के बेटे जतिन अपने पिता को मुखाग्नि दे रहे थे उस समय सभी की आंखें छलक आयीं। कुछ समय के लिए आंखों के सामने शून्य सा प्रतीत होने लगा। मन को विश्वास नहीं हो रहा था कि कुछ दिन पहले हम सबको जो पत्रकारिता का ककहरा सिखा रहे थे उनसे अब कभी मुलाकात नहीं हो पाएगी।लेकिन शाश्वत चेतना के इस संसार में हमेशा सत्य को स्वीकार करना पड़ता है।
सत्य लिखने और कहने का एक साहस ही तो था जो कभी डिगा नहीं और ना डीगना स्वीकार किया। रवि भैया की वाणी तो खामोश हुई लेकिन हिम्मत ने कभी कमजोर नहीं होने दिया।शरीर ने साथ छोड़ना शुरू कर दिया था पर उनका हौसला बुलंद था। वो आज हम सब के बीच में नहीं हैं परन्तु उनका मार्गदर्शन सदैव साथ रहेगा।विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।