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Wednesday, May 1, 2024

सुल्तानपुर : आज रिश्तों को बचाने की खास जरूरत है- नरेन्द्र प्रताप शुक्ल

सुल्तानपुर : आज रिश्तों को बचाने की खास जरूरत है- नरेन्द्र प्रताप शुक्ल

# राणा प्रताप कालेज की पुस्तक प्रदर्शनी में आयोजित हुई कवि गोष्ठी 

सुल्तानपुर। 
मुन्नू बरनवाल 
तहलका 24×7
              ‘हुस्न ढल जाता है लेकिन इश्क रहता है जवां, इश्क के बाजार का शेयर कभी गिरता नहीं’वरिष्ठ साहित्यकार डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी ने राणा प्रताप पीजी कालेज में चल रही पुस्तक प्रदर्शनी के चौथे दिन आयोजित कवि गोष्ठी में जब ये पंक्तियां पढ़ीं तो लोग आनंदित हो उठे।
हिंदी विभाग व वाणी प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में असिस्टेंट प्रो. डॉ शहनवाज आलम ने कहा कि दिल से दिल के बीच चर्चा कुछ तो हो, मांगने का भी सलीका कुछ तो हो। शायर हबीब अजमली ने सुनाया कि मुझसे इन दिनों शायद वो खफा खफा से हैं, अब मेरी तरफ वाली खिड़कियां नहीं खुलती। मीठे मीठे सपनों को कैद कर लिया होगा, नींद में जो बच्चों की मुट्ठियां नहीं खुलती। डॉ अब्दुल मन्नान ने गजल सुनाते हुए कहा कि ये नहीं हो पायेगा कि दिल किसी का तोड़ दूं, तुम कहो तो ये गली क्या ये शहर ही छोड़ दूं। नरेन्द्र प्रताप शुक्ल की पंक्तियां थीं.. जो न सबसे कह सकें वह दर्द सबके पास है, आज रिश्तों को बचाने की जरूरत खास है। डॉ अरुण निषाद ने सुनाया.. मेरे मन के शिवालय में अभी भी मूर्ति है तेरी, दिलों की धड़कनें अब भी तुम्हारा नाम लेती हैं।मिर्जापुर के शुभम श्रीवास्तव ने सुनाया आसमान में नर्म रुई से बादल छाये हैं, अगल बगल के छोटे बच्चे छत पर आये हैं।
पुस्तक प्रदर्शनी के संयोजक असिस्टेंट प्रो. ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने दोहे सुनाते हुए कहा जल विहीन धरती हुई जलते नंगे पांव, घुसने पर लगता यही है विरही का गांव।
चर्चित गजलकार डॉ डीएम मिश्र ने कहा आदमी देवता नहीं होता, पाक दामन सदा नहीं होता, आदमी आसमान छू सकता, वक्त से लेकिन बड़ा नहीं होता। साहित्य भूषण डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने सुनाया बाबू को रुपये मिले उसने किया कमाल, विधवा पेंशन मिल गई तरुणी को तत्काल।कवयित्री गरिमा चौरसिया ने स्त्री की पीड़ा तथा युवा कवि पवन कुमार सिंह ने अवधी कविता पढ़ी।
कवि गोष्ठी का संचालन आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु और अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने किया। इस अवसर पर अवनीश शुक्ल, सत्यम चौरसिया व अक्षत शुक्ल ने भी कविताएं सुनाईं।  स्वागत प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी व आभार ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने किया।प्रबंधक सुरेन्द्र नाथ सिंह, प्रदर्शनी प्रभारी लोकेश श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। हिंदी विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी में कविता कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें वरिष्ठ कवियों ने विद्यार्थियों को कविता लिखने की कला सिखाई।

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