86 देशों की जेलों में 10 हजार से ज्यादा भारतीय
# नेपाल में 1300 कैदी, 54 को मौत की सजा
नई दिल्ली।
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तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले के एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि वर्तमान में दुनियाभर के देशों की जेलों में कुल 10,152 भारतीय नागरिक बंद हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा भारतीय कैदी सऊदी अरब, यूएई और नेपाल में हैं। संसद में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में दुनिया भर के 86 देशों की जेलों में कुल 10,152 भारतीय नागरिक बंद हैं।इनमें से सबसे अधिक संख्या सऊदी अरब में है, जहां 2633 भारतीय कैदी जेल में बंद हैं। संयुक्त अरब अमीरात 2518 और नेपाल 1317 भारतीय जेल में हैं।

श्री सिंह ने बताया कि कतर में 611, कुवैत में 387, मलेशिया में 338, यूके में 288, पाकिस्तान में 266, बहरीन में 181, चीन में 173, अमेरिका में 169, इटली में 168 और ओमान में 148 भारतीय नागरिक कैदी हैं।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि कुल 2684 भारतीय ऐसे हैं, जो विदेश में मुकदमों का सामना कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि सऊदी अरब में भी सबसे अधिक 1226 विचाराधीन भारतीय कैदी हैं। विचाराधीन कैदियों वाले अन्य देशों में यूएई शामिल हैं, जहां 294 विचाराधीन भारतीय कैदी हैं, जबकि बहरीन में 144, कतर में 123 और मलेशिया में 121 भारतीय हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक सिंह ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद हारिस बीरन के एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि 54 भारतीय नागरिकों को विदेशी अदालतों ने मृत्युदंड दिया है। मृत्युदंड की सजा पाने वाले सबसे अधिक भारतीय यूएई में हैं, जहां 29 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है। इसी तरह सऊदी अरब ने 12 भारतीयों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है।उन्होंने कहा कि भारतीय मिशन उन नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी अदालतों ने मृत्युदंड सहित सजा सुनाई है।

सहायता में जेलों का दौरा करके काउंसलर एक्सेस, अदालतों, जेलों, सरकारी अभियोजकों और अन्य एजेंसियों के साथ उनके मामलों का पालन करना शामिल है। सिंह ने कहा, जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों की खोज में भी सहायता की जाती है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद संदोष कुमार पी के एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वर्तमान में कुल 307 भारतीय मछुआरे विदेशी में हिरासत में हैं। जिनमें पाकिस्तान में 217, श्रीलंका में 58, सऊदी अरब में 28 और बहरीन में चार शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 2024 के दौरान श्रीलंका ने 479 भारतीय मछुआरों को रिहा किया, जबकि बांग्लादेश ने 95, बहरीन ने 47, कतर ने 29 और सऊदी अरब ने 27 मछुआरों को रिहा किया। सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है और राजनयिक चैनलों, आधिकारिक बातचीत और स्थापित द्विपक्षीय तंत्रों के माध्यम से विदेशी सरकारों के साथ उनकी नावों के साथ उनकी शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन जैसे मुद्दों को उठाती है। कहा, भारतीय मछुआरों की जल्द से जल्द रिहाई और प्रत्यावर्तन का मामला लगातार सभी स्तरों पर संबंधित देशों के साथ उठाया जाता है और यह बताया जाता है कि इस मुद्दे पर पूरी तरह से मानवीय और आजीविका के आधार पर विचार किया जा सकता है।

भारतीय अधिकारी नियमित रुप से भारतीय मछुआरों की स्थिति का पता लगाने और कानूनी सहायता सहित अन्य सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए जेलों और हिरासत केंद्रों का दौरा करते हैं। वे रिहा किए गए मछुआरों के प्रत्यावर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा दस्तावेज भी प्रदान करते हैं।