गोरखपुर : जाते-जाते बच गई बांसगांव सीट से भाजपा सांसद की सांसदी
गोरखपुर।
फैज़ान अहमद
तहलका 24×7
बांसगांव सीट से बीजेपी सांसद कमलेश पासवान को कोर्ट ने डेढ़ साल की सजा सुनाई है। इस दौरान उनकी सांसदी जाते-जाते बच गई। कारण, किसी भी विधायक या सांसद को 2 या उससे अधिक वर्ष की सजा पर उसकी विधायकी-सांसदी रद्द होने का प्रवाधान है। दरअसल, 14 साल पुराने मामले में शनिवार को सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने सांसद समेत 8 लोगों को डेढ़-डेढ़ साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इन पर अर्थदंड भी लगाया गया है।

गौरतलब है कि जनवरी 2008 में अखिलेश व शिवपाल यादव की गिरफ्तारी के खिलाफ कमलेश समेत अन्य नेताओं ने बीआरडी कॉलेज के मुख्य गेट के सामने चक्का-जाम किया था। तब कमलेश समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे। तब प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंकने का प्रयास किया था। पुलिस ने कमलेश पासवान समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

बताते चलें कि कमलेश पासवान लगातार तीसरी बार बांसगांव सीट से सांसद चुने गए हैं। उनकी मां सुभावती भी सांसद रह चुकी हैं। वहीं उनके पिता ओम प्रकाश पासवान 1989 से 1991 और फिर 1993 में विधायक रहे थे। 1996 में बांसगांव में लोकसभा चुनाव की एक सभा के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी।

गौरतलब है कि इससे पहले रामपुर से सपा के दिग्गज नेता आजम खान और मुजफ्फरनगर से बीजेपी के विधायक विक्रम सैनी को सजा सुनाए जाने के चलते दोनों की विधायकी रद्द हो चुकी है। आजम खान को तीन साल तो वहीं विक्रम सैनी को दो साल की सजा सुनाई गई है। उक्त दोनों सीटों पर अगामी दिसंबर के पहले हफ्ते में उपचुनाव भी होना है।