छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सजा-ए-मौत
फतेहपुर।
तहलका 24×7
तीन साल पहले हुए दिल दहला देने वाले मामले में जिला कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 19 साल की युवती से दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या मामले में मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है, जबकि उसके दो सहयोगियों को सात-सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। वारदात के करीब 3 साल बाद जज अशोक कुमार ने फैसला सुनाया है।

पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह के मुताबिक 30 मई 2022 टीईटी छात्रा कोचिंग से लौट रही थी। इसी दौरान दो युवकों ने उसका किडनैप कर लिया। फिर खैराबाद के जंगल ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की। विरोध करने पर पहले उसे बेरहमी से पीटा और फिर गला दबाकर हत्या कर दी और भाग गए। छात्रा का शव जहानाबाद थाना क्षेत्र के खैराबाद गांव के जंगल से बरामद हुआ था। पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर 24 गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे। छात्रा कानपुर नगर की रहने वाली थी, जहानाबाद में कोचिंग पढ़ने आती थी।

अजय उर्फ शीलू ने अपने दोस्त कानपुर के बौहारा निवासी छोटू उर्फ अवनीश सोनकर के साथ मिलकर उसका रेप कर हत्या की थी। घटनास्थल के पास युवती का बैग मिला था। जिसमें कॉपी-किताबें थीं। उसकी साइकिल पुलिस को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर मिली थी।आरोपी अजय छात्रा के ही गांव का रहने वाला था। वह उसे पहले से जानता था। छात्रा का गांव फतेहपुर जिले से सटा हुआ है। अजय ने जहां वारदात की, वह जगह छात्रा के घर से एक किलोमीटर दूर है।

रेप और हत्या के बाद अजय, जहानाबाद थाना क्षेत्र के द्वारिकापुर गांव में अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा था। वहां माया देवी पत्नी चंद्रशेखर ने उसके खून से सने कपड़े और अन्य सबूत नष्ट करने में मदद की।मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट एडीजे एफटीसी-1 की अदालत में हुई। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर जज अशोक कुमार ने फैसला सुनाया। मुख्य दोषी अजय को फांसी के साथ 81 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई, वहीं अवनीश और माया देवी को 7-7 साल की सजा के साथ 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

जज अशोक कुमार ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे अपराध के लिए सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। जिससे समाज में मैसेज जाए कि इस तरह की घटना में फांसी से कम कुछ नहीं है।छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की हत्या के मामले में आज कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले से वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा इस फैसले से उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली है। घटना के बाद से वह लगातार हर तारीख पर कोर्ट में हाजिर होते रहे, ताकि बेटी को इंसाफ मिल सके। कोर्ट के इस फैसले से पूरा परिवार संतुष्ट है।