जौनपुर : “महंगाई मुक्त भारत अभियान” के तहत कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
जौनपुर। विश्व प्रकाश श्रीवास्तव तहलका 24×7 “महंगाई मुक्त भारत अभियान” के तहत जिला कमेटी कांग्रेस द्वारा जोगियापुर चौराहे पर जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने कहा कि मोदी सरकार ने भारत के नागरिकों के साथ धोखा, विश्वासघात और छल किया है। चुनावों में लोगों के वोट बटोरने के लिए 137 दिनों तक पेट्रोल, डीज़ल, गैस सिलेंडर, पाईप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) और सीएनजी के दाम स्थिर रखने के बाद पिछले एक हफ्ते से बेतहाशा दाम वृद्धि से हर परिवार का बजट बिगड़ दिया है।
पेट्रोल और डीजल के दामों में रोज होती बढ़ोत्तरी और गैस सिलेंडर, पीएनजी एवं सीएनजी के कमरतोड़ दामों ने साबित कर दिया है कि मोदी सरकार नागरिकों को लूटो, अपना खजाना भरो की नीति पर काम कर रही है। आज मोदी सरकार ने एक बार फिर पेट्रोल- डीजल के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर दी। पिछले पाँच दिनों में यह चौथी बार बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बाद पेट्रोल व डीजल के दाम 3.20 रु. प्रति लीटर बढ़ गए हैं।
भारत के नागरिकों से इस विश्वासघात और छल का घटनाक्रम इस प्रकार है..
1. जब मई 2014 में भाजपा ने सत्ता संभाली तो पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 9.20 रुपये प्रति लीटर और 3.46 रुपये प्रति लीटर था। पिछले आठ सालों में भाजपा सरकार ने एक्साईज ड्यूटी पेट्रोल पर 18.70 रु. प्रति लीटर और डीजल पर 18.34 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया यानि डीजल और पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी में क्रमशः 531 प्रतिशत और 203 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। जब कांग्रेस की यूपीए सरकार सत्ता में थी, तब कच्चे तेल की कीमत 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी पर उसके बावजूद उस समय पेट्रोल व डीजल क्रमशः 71.41 और 55.49 रुपए प्रति लीटर में उपलब्ध था, जो आज दिल्ली में क्रमश : 98.61 और 89.87 रुपए प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है।
2. मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी बढ़ाकर आठ सालों में 26,00,000 करोड़ रु. (28 लाख करोड़ रु.) का मुनाफा कमाया है।
3. दो साल पहले लॉकडाउन के बाद से पेट्रोल और डीजल पर कीमतों में बार- बार बढ़ोत्तरी और उत्पाद शुल्क से जबरन वसूली और मुनाफाखोरी सभी प्रकार के शोषण की सीमा को पार कर गई है। 22 मार्च 2020 को दो साल पहले पेट्रोल और डीजल की दरें क्रमश : 69.59 रुपये और 62.29 रुपये थीं, जिन्हें बढ़ाकर क्रमश: 98.61 रुपये प्रति लीटर और 89.87 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया यानि पिछले दो सालों में पेट्रोल पर 29.02 रु. प्रति लीटर और डीजल पर 27.58 रु. प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।
4. 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार के पिछले 3 सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य आधिकारिक वेबसाईट के मुताबिक 60.6 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जबकि साल 2011 से साल 2014 के बीच यूपीए सरकार के अंतिम तीन सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य 108.46 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।
5. पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के आधिकारिक आँकड़ों से मोदी सरकार की यह लूट एवं लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी का खत्म किया जाना साबित होता है जिनके मुताबिक 2011-12 के दौरान कांग्रेस की यूपीए सरकार ने पेट्रोल- डीजल और एलपीजी पर 1,42,000 करोड़ रु की सब्सिडी दी। यह 2012-13 में 1,64,387 करोड़ रु. और 2013-14 में 1,47,025 करोड़ रु. थी।
इस अवसर पर प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र निषाद, जिला महासचिव हीरा लाल पाल, नीरज राय, अजय कुमार सोनकर, सचिव निलेश सिंह, शहर महासचिव विवेक सिंह सप्पु, प्रमोद सोनी, सब्बल, जयशंकर यादव आदि मौजूद रहे।