जौनपुर : रमेश चन्द्र सेठ हुए माँ भारती सम्मान से सम्मानित
जौनपुर। राजकुमार अश्क तहलका 24×7 नगर के रास मंडल मोहल्ला निवासी रमेश चंद सेठ अपने सामाजिक एवं लोक हित कार्यों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। गर्मी के मौसम में सभी प्राणी भूख प्यास से बेहाल रहते हैं ऐसे में अगर हम उनके लिए कुछ खाने एवं पीने की व्यवस्था कर दे तो यह सबसे बड़ा पुण्य होता है, इसी बात को अपने जीवन में चरितार्थ करते हुए रमेश चंद्र सेठ पिछले कई वर्षों से पक्षियों के लिए गर्मी का मौसम शुरू होते ही खाने पीने की व्यवस्था कर देते हैं, यह उनके जीवन का एक अहम पहलू बन गया है कि सुबह सबसे पहले उन्हें अपने बेजुबान दोस्तों के लिए चारे पानी की व्यवस्था करनी है फिर दूसरा काम, इस काम में उन्हें खुशी भी मिलती है और बहुत सारे पक्षियों से उनकी मित्रता भी हो गई है. जिसके लिए उन्हें राम चिरैया सम्मान से सम्मानित भी किया गया था।
इसी क्रम में राजस्थान के जयपुर में होने वाली माँ भारती लेखन कला में प्रतिभाग करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसके लिए माँ भारती सम्मान से सम्मानित किया गया। रमेश चंद्र सेठ के जीवन का एक दूसरा पहलू भी है वो गजल भी लिखते है, और उनकी कई किताबें भी प्रकाशित हो चुकी है अभी पिछले दिनों उनकी गजल की किताब आशिकी का विमोचन जौनपुर के प्रसिद्ध डॉ बीएस उपाध्याय के कर कमलों द्वारा किया गया। गजल लेखन के प्रति आपका झुकाव कैसे हुआ इसके जवाब में उन्होंने बताया कि वैसे तो मैं सरकारी नौकरी में अस्पताल में एलटी के पद से सेवानिवृत्त हुआ हूँ, गजल लिखने का मुझे शौक था और उसी शौक के तौर पर मैं लिखना शुरू किया और लोगों का प्रेम मिलता गया और मैं आगे बढ़ता गया।
गज़ल कहते किसको हैं? इसके जवाब में थोड़ा हंसते हुए उन्होंने कहा कि “साकी शराब और मैखाना” इन्हीं तीन से मिल कर गज़ल बनतीं है। राम चिरैया सम्मान से सम्मानित हो कर आप को कैसे लग रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं पक्षियों की सेवा किसी सम्मान को पाने के लिए नहीं करता हूँ। यह तो राज रचना कला एवं साहित्य परिषद के संस्था के लोगों का बड़प्पन है जो मुझे इस काबिल समझे और मुझे सम्मानित किए। मुझे यह सम्मान पाकर बेहद खुशी हो रही है और मुझे एक दिशा भी मिल गई है कि मैं अपने काम के प्रति और समर्पित होकर पशु पक्षियों की सेवा कर सकूँ। अन्य लोगों के लिए आप क्या संदेश देना चाहेगे तो उन्होंने कहा कि यह सारा संसार उस ईश्वर की एक बहुत ही अद्भुत कृति है इसमें सभी लोगों को एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए, उसी अद्भुत कृति में पशु पक्षी जीव जंतु भी आते हैं. चुकि वो बेचारे बोल नही सकते हैं इसलिए हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम उनके खाने पीने की व्यवस्था भी करतें रहें।