दालमंडी में 189 मकानों के तोड़ने पर रोक
वाराणसी।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे मकानों की यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। साथ ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।यह आदेश जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शाहनवाज खान बनाम यूपी स्टेट केस की सुनवाई करते हुए दिया।
दालमंडी गली के चौड़ीकरण के सरकार के प्रस्ताव में कुल 189 मकान जद में आ रहे हैं।

जिनमें 1400 से 1500 दुकानें हैं। इस चौड़ीकरण का विरोध कर रहे व्यापारियों को रोक से काफी राहत मिलने के आसार हैं। बीती 9 मई को हाईकोर्ट के जज अनीश कुमार और मनोज कुमार गुप्ता ने रिट पिटिशन 12319 शाहनवाज खान बनाम यूपी स्टेट और तीन अन्य मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इस सुनवाई में कहा- पिटिशन ने अपनी प्रेयर में कोर्ट को बताया है कि सरकार ने बिना मुआवजे और बिना किसी अन्य बात के भय का माहौल बनाया हुआ है कि चौड़ीकरण होगा। इससे व्यापार पर असर पड़ रहा है।

जज अनीश कुमार ने कहा इसी तरह पिटिशन सैयद जाकिर हुसैन, मुन्ने व अन्य बनाम स्टेट गवर्नमेंट में भी यही बात कही गई है कि वो भयभीत हैं। ऐसे में अगले आदेश तक तक किसी भी प्रकार का चौड़ीकरण या ध्वस्तीकरण इसमें नहीं किया जाएगा। कोर्ट में दोनों जजों ने एक सप्ताह में राज्य सरकार को अपना जवाब देने के लिए कहा है। इसके बाद ही चौड़ीकरण के मामले में अग्रिम फैसला दिया जाएगा। रिट पिटिशन डालने वाले शाहनवाज ने बताया कि शहरी क्षेत्र में खतौनी का कोई प्रावधान नहीं है। यहां नगर निगम का पीला कार्ड (टैक्स कार्ड) मान्य होता है।

पीडब्ल्यूडी ने मापी के बाद यह साफ किया है कि वह जमीनों पर बनी बिल्डिंगों की मालियत का तो मुआवजा देगा, पर जमीन का नहीं। क्योंकि उसकी खतौनी नहीं है। इसके विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। अब 20 मई तक इसी सिलसिले से कोर्ट में सरकार अपना जवाब दाखिल करेगी। सरकार बताएगी कि मुआवजा कितना दिया जाएगा। उसका सर्किल रेट क्या होगा। किस जमीन का मुआवजा मिलेगा और कितना मिलेगा। क्या बिना खतौनी के मुआवजा नहीं मिलेगा।
शहर के बीचों बीच स्थित दालमंडी गली विश्वनाथ कारीडोर से महज 100 मीटर की दूरी पर है, उसे चौड़ाकर मॉडल सड़क बनाने की कवायद सरकार ने शुरू की है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 200 करोड़ के ज्यादा के बजट के 2 करोड़ रुपए रिलीज किए थे। इस कार्य के लिए बजट आवंटित होते ही पीडब्ल्यूडी ने अपना कार्य शुरू किया। 17.5 मीटर के चौड़ीकरण के लिए दालमंडी गली में मौजूद 189 मकानों की चौड़ाई और गहराई की नाप की गई। उन्होंने बताया कि यह नाप मुआवजे के लिए की गई है। जिसके बाद अगला काम शुरू होगा। इधर इस चौड़ीकरण का दालमंडी गली के दुकानदार लगातार विरोध कर रहे हैं। चौड़ीकरण में दालमंडी में सड़क पर मौजूद छह मस्जिदें भी टूटेंगी। जिसमें हाफिज खुदा बक्श जायसी उर्फ लंगड़े हाफिज मस्जिद, निसारन मस्जिद, रंगीले शाह मस्जिद, अली रजा मस्जिद, संगमरमर मस्जिद और मस्जिद मिर्जा करीमुल्ला बैग शामिल है।

इन मस्जिदों के मुतवल्लियों ने भी दालमंडी के चौड़ीकरण को गलत बताया है।दालमंडी के चौड़ीकरण प्रोजेक्ट को लेकर ज्ञानवापी के पैरोकार और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन भी विरोध जता चुके हैं। यासीन ने कहा था कि दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर अभी तक कोई नक्शा नहीं आया है। क्या अचानक बुलडोजर लेकर आएंगे? बिना मुआवजे के ऐसा करेंगे? मेरा यही मनाना है कि सरकार इस बाजार को छोड़ दे। इस तरह का एक फैशन सा चल गया है। यह उजड़ेगा, तो काफी लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यह बेरोजगार करने का एक उपाय है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।