शिक्षक की बेटियों के हत्यारों को फांसी की सजा
# 12 लोगों ने दी गवाही, 4 महीने पहले हुई थी घटना, सोते समय रेता था गला
हाथरस।
तहलका 24×7
शिक्षक की 2 बेटियों की हत्या के दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।दोषियों ने शिक्षक और उनकी पत्नी पर भी जानलेवा हमला किया था। 29 मार्च को पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।12 लोगों ने गवाही दी। इसके बाद कोर्ट ने 4 महीने 6 दिन में फैसला सुनाया। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (एससी एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह ने सुनाया।

घटना 4 महीने पहले इसी साल 22 जनवरी की रात को हुई थी। विकास और लालू पाल कोतवाली सदर की आशीर्वाद धाम कॉलोनी में रहने वाले जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज के शिक्षक छोटे लाल गौतम के घर में पहले से मौजूद थे। पूरा परिवार गहरी नींद में था। रात में 1.30 बजे के आसपास दोनों ने शिक्षक की दोनों बेटियों विधि (6) और सृष्टि (12) की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी। शिक्षक ने विरोध किया तो उन्हें और उनकी पत्नी वीरांगना पर भी जानलेवा हमला कर दिया था। हमले में दंपत्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कई दिनों के इलाज के बाद वे ठीक हुए। विकास रिश्ते में छोटेलाल गौतम का भतीजा लगता है, वह अपने एक साथी लालू पाल के साथ शिक्षक के घर में आकर रुका था।

दोनों बच्चों की हत्या और शिक्षक दंपत्ति को घायल करने के बाद वहां से भाग गए। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।पुलिस ने 24 जनवरी की रात एक आरोपी को मुठभेड़ में पकड़ था। उससे पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले। पता चला कि इन हत्याओं के पीछे छोटे लाल के सगे भतीजे सोने लाल का हाथ है। शिक्षक का कोई बेटा नहीं है, उसने सोचा कि परिवार को खत्म कर देने पर पूरी संपत्ति उसकी हो जाएगी। सोने लाल दुबई में रहता है।

सरकारी वकील दिनेश यादव ने बताया कि कोर्ट ने विधि और सृष्टि के हत्यारे विकास और लालू पाल को मृत्युदंड की सजा सुनाई है, उन्होंने बताया कि हत्या की साजिश सोने लाल ने रची थी। वहीं छोटेलाल के वकील यज्ञदत्त गौतम का कहना है कि चाचा की संपत्ति हासिल करने के लिए दोनों दोषियों को सुपारी दी गई थी। यह सुपारी दो लाख रुपये में दी गई थी।

बच्चियों की मां वीरांगना ने कोर्ट के इस फैसले पर संतुष्टि जताई है, उनका कहना है जिस तरह से इन दोनों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है, वैसे ही उनके पति के भतीजे सोने लाल को भी फांसी की सजा सुनाई जानी चाहिए।उन्होंने सोनेलाल से अपनी जान का खतरा बताया। छोटे लाल मूलरूप से फतेहपुर के रहने वाले हैं। करीब 20 साल पहले वह हाथरस आए, हाथरस आने के बाद उन्होंने आशीर्वाद धाम कॉलोनी में अपना घर बना लिया था। डेढ़ साल पहले उन्हें लकवा मार गया था, तब से वह बेड पर ही हैं। वह नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज मितई में शिक्षक हैं।