गाजीपुर : सेना के जवान के निधन पर जमकर हुआ बवाल
# ग्रामीणों ने तीन घण्टे रखा वाराणसी- गोरखपुर फोरलेन जाम
खानपुर।
अंकित मिश्रा
तहलका 24×7
जम्मू कश्मीर में हृदय गति रुकने से जान गवाने वाले सादात थाना क्षेत्र के इकरा गांव निवासी हवलदार राजेंद्र यादव मौत हो गई थी।जिनका पार्थिव शरीर 28 अगस्त को सुबह वाराणसी पहुँचा।जहां से परिजन उसे प्राइवेट एंबुलेंस में गाजीपुर ला रहे थे। जिसकी भनक ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने हंगामा करते हुए हाई-वे को जाम कर दिया। इस दौरान ग्रामीण हाथों में तिरंगा भी लिए रहे।रविवार की सुबह सैनिक का पार्थिव शरीर प्राइवेट एंबुलेंस से पहुंचने से पहले परिजन और ग्रामीणों ने सैनिक को, आर्मी की गाड़ी से पार्थिव शरीर घर भेजने और सम्मान के साथ अंत्येष्टि कराने की मांग को लेकर सिधौना में वाराणसी- गाजीपुर मार्ग को जाम कर दिया।
सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक अफसरों के समझाने पर भी ग्रामीण अपनी मांग पर डटे रहे। आक्रोशित लोगों ने हाई-वे पर चक्का जाम किया।बताते हैं कि गाजीपुर के सादात थाना क्षेत्र इकरा गांव निवासी सेना के जवान राजेंद्र यादव (35) की जम्मू कश्मीर में तैनाती थी। बीते दिनों राजेंद्र ड्यूटी पर जाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी उनके सीने में दर्द होने लगा और इसकी जानकारी उन्होंने अपने अधिकारियों को दी।आनन फानन में अधिकारी राजेंद्र को आर्मी हॉस्पिटल लेकर गये जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जवान का पार्थिव शरीर वाराणसी लाया गया और वही से प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा परिवार के लोग पार्थिव शरीर लेकर घर आने लगे।
इधर इस बात की जानकारी होते ही ग्रामीणों ने सुबह साढ़े सात बजे सिधौना बाजार में गाजीपुर- वाराणसी मार्ग जाम कर दिया। कुछ देर बाद इस बात की जानकारी होते ही मौके पर खानपुर पुलिस पहुँच गयी। वहीं कुछ ही समय मे पहुंचे क्षेत्राधिकारी सैदपुर विजय कांत शाही, उपजिलाधिकारी सैदपुर पुष्पेंद्र पटेल और तहसीलदार सैदपुर, नायाब तहसीलदार सैदपुर विजय कांत पांडेय भी मौके पर पहुँच गये।आक्रोशित युवाओं को समझा-बुझा कर जाम हटवाने का प्रयास करने लगे। लेकिन लोग काफी उग्र हो गए। आखिरकार बवाल को देखते हुए सादात थाना, रामपुर मांझा, सैदपुर व नंदगंज थाने की फोर्स भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँच गयी। थानाध्यक्ष चौबेपुर राजीव सिंह व चौकी प्रभारी कैथी काशी उपाध्याय भी मौके पर पहुँच गये। इस दौरान लगभग तीन घंटे तक हाइवे जाम रहा। काफी समय समझाने के बाद अंततः जवान के परिजन शव को अपने साथ प्राइवेट वाहन से ले जाने को तैयार हो गये जिसके बाद जाम खत्म करवाया गया।