31.7 C
Delhi
Wednesday, May 1, 2024

जौनपुर : उपेक्षा का दंश झेल रहा नार्मल मैदान स्थित शहीद स्तम्भ

जौनपुर : उपेक्षा का दंश झेल रहा नार्मल मैदान स्थित शहीद स्तम्भ

# एसडीएम द्वारा किया जाता है शहीद स्तम्भ पर ध्वजारोहण

# अतिक्रमण व शहीद स्तम्भ के जीर्ण-शीर्ण अवस्था को नजरअंदाज करते हैं जिम्मेदारान

केराकत।
विनोद कुमार
तहलका 24×7
                   महात्मा गांधी के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का बिगुल बजते ही देश की जनता नई क्रांति की इबादत लिखने को बेताब हो उठी। क्रांति की इस लड़ाई में  जौनपुर जिले के तहसील केराकत के शूरवीरों ने भी भारत माँ को आजाद कराने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों और संघर्ष से केराकत के शूरवीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ जबरदस्त हमला किया और अंग्रेजी हुकूमत को नाकों चने चबाने को मजबूर कर दिया। अंग्रेज़ी हुकूमत की दमनकारी नीति के विरुद्ध क्रांतिकारियों का यह आंदोलन अंग्रेज़ों को नागवार लगा। क्रांतिकारियों के लगातार हमले से खफा अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी। इस गोलीकांड में जौनपुर के विभिन्न क्षेत्रों के ग्यारह वीर योद्धाओं ने अपनी आहुति दी और शहीद होकर इतिहास के पन्नो में अपना नाम अमर कर गए।

इन अमर शहीदों की याद में केराकत नगर के नार्मल मैदान में  शहीद स्मारक की स्थापना की गई है जिस पर लगे शिलापट्ट पर जनोहर सिंह हैदरपुर बक्सा (धनिया मऊ गोली कांड), राम अघोर सिंह, राम महिपाल सिंह, राम निहोर कहार, नंदलाल (अधौरा गोली कांड) महावीर सिंह, विजेंद्र सिंह‌ व माता प्रसाद शुक्ल (मछलीशहर गोली कांड) राम दुलार सिंह, रामानन्द (अमरौरा गोली कांड), व राधुराई (बक्सा)  शहीदों के नाम अंकित  है।  भारत छोड़ो आंदोलन में अपना बलिदान देने वाले इन शूरवीरों की याद में बना शहीद स्तम्भ आज की तारीख में जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। जिन क्रान्तिकारियों ने‌ देश के लिए खुद को समर्पित किया आज उनके बलिदान को जीर्ण-शीर्ण होकर अपमानित होना पड़  रहा है। शहीद स्तम्भ की स्थिति को देखकर मन-मस्तिष्क में एक ही प्रश्न बार-बार कौंधता है कि देश के लिए शहीद होने वाले वीर सपूतों को आजाद देश द्वारा इसी तरह का सम्मान और स्थान मिलता है ? 

प्रति वर्ष आयोजित स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान शहीद स्तम्भ उप जिलाधिकारी द्वारा ध्वजारोहण अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की मौजूदगी में किया जाता है। नॉर्मल के मैदान पर केराकत के उप जिलाधिकारी प्रति वर्ष दो बार ध्वजारोहण कर अपनी देशभक्ति का छद्दम प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं लेकिन शहीदों के अपमान पर उनका कर्तव्य दिशाहीन हो जाता है। उप जिलाधिकारी की निगाहें तिरंगा फहराने के लिए तो उठती हैं लेकिन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े शहीद स्मारक और उस पर मिट चुके शहीदों के नाम की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट नहीं होता। यह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए बेहद शर्मनाक है।स्थानीय प्रशासन को यह सोचना चाहिए कि आखिर ऐतिहासिक धरोहरों को संजोकर रखने का उत्तरदायित्व किसका है ?

यहां एक महत्त्वपूर्ण बात का उल्लेख करना अत्यंत आवश्यक है। इसी नॉर्मल मैदान पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की याद में प्रति वर्ष 4 जनवरी से 14 जनवरी तक राज्य स्तरीय फुटबाल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। जिले से लेकर प्रदेश स्तर के मेहमानों की शिरकत होती है पर किसी का ध्यान जीर्ण शीर्ण हो चुके शहीद सतम्भ की ओर आकर्षित नहीं होता।जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी अतिक्रमण व शहीद स्तम्भ के जीर्ण शीर्ण अवस्था को करते है नजरअंदाज। आखिर कब तक अपने ही देश में शहीद के परिजनों को अपने शहीद पिता, भाई, पति और बेटे की शहादत के लिए अपमान सहना पड़ेगा ? सामाजिक संगठनों द्वारा इस संवेदनशील मामले पर जन आंदोलन कर सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने की आवश्यकता है। नॉर्मल मैदान पर स्थित शहीद स्मारक का जीर्णोद्धार कर उसका कायाकल्प करना ही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37172882
Total Visitors
489
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

अनुशासनहीनता में डा. सिद्धार्थ पार्टी से निष्कासित

अनुशासनहीनता में डा. सिद्धार्थ पार्टी से निष्कासित जौनपुर।  गुलाम साबिर  तहलका 24x7               बहुजन समाज पार्टी के...

More Articles Like This