35.1 C
Delhi
Thursday, April 25, 2024

जौनपुर : दो दर्जन बेसहारा गोवंशों की सेवा कर रहा मनरेगा मजदूर

जौनपुर : दो दर्जन बेसहारा गोवंशों की सेवा कर रहा मनरेगा मजदूर

खुटहन।
मुलायम सोनी
तहलका 24×7
                  पशु तस्करी और गौहत्या पर कड़ाई से लगाम लगने के बाद गांव से लेकर शहर तक मानों बेसहारा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी हो। लोगों की नैतिकता इस कदर गिरी कि जिन्हें हमारे भारतीय संस्कृति में दूसरी माता अर्थात गोमाता का दर्जा दिया जाता है, ऐसी बूढ़ी हो चुकी गायें को भी खुलेआम छोड़ना शुरू कर दिया।

लोगो की स्वार्थ परक भौतिकवादी सोच से इतर गोमाता की दुर्दशा देख क्षेत्र के महमदपुर गांव निवासी अधेड़ राम पूजन पाण्डेय का दिल पसीज गया। गरीबी की दीवार भी उनके नेक कार्य में बाधा नहीं बन सकी। वे दो दर्जन से अधिक बेजुबान पशुओं के पालनहार बन उनकी सेवा में जमे हुए है। यही नहीं गरीबी के चलते वह मनरेगा में मजदूरी कर उसी पैसे से पशुओं का पेट पाल रहे है। श्री पाण्डेय ऐसे पशुपालकों के लिए आइना बन गये है। जो बूढ़ी हो चली गायों को अनुपयोगी समझ उनसे निजात के लिए कहीं दूर ले जाकर छोड़ आते है।

स्थानीय थाना क्षेत्र व बदलापुर विकास खंड के सुतौली ग्राम पंचायत अंतर्गत महमदपुर गाँव निवासी श्री पाण्डेय ने बताया कि गत लगभग चार वर्षो से गाय और गोवंशो की मानों गांव में बाढ़ सी आ गयी थी। छुट्टा घूम रहे इन मवेशियों द्वारा फसलों का नुकसान देख किसान लाठी लेकर दौड़ाते रहते है। इनमें अधिकतर बूढ़ी हो चुकी ऐसी गायें है, जो दूध देना बंद कर चुकी हैं। इन्हें पशुपालकों द्वारा अनुपयोग समझ छोड़ दिया जाता है। वे दौड़ भी नहीं पाती। क्रूर बन तमाम किसान लाठियो से प्रहार कर उन्हें घायल भी कर देते है। उन्होंने कहा कि गोमाता की ऐसी दुर्दशा मुझसे सहन नहीं हो सका। हमने मन में संकल्प लिया है कि आसक्त हो चुकी ऐसी गायों की सेवा जीवन पर्यन्त करता रहूंगा। वर्षो पूर्व से वे एक एक कर गायों को बांधना शुरू कर दिए। इस समय उनके गोशाले में 29 गायें और दो बछड़े मौजूद है। जिनका पूरी लगन के साथ वे सेवा करने में लीन हैं।

# घायल गोवंशो का खुद ही करते है इलाज

गोशाले में गोवंश जब किसी बिमारी की चपेट या चोट आ जाने पर श्री पाण्डेय देशी नुस्खे से उनका इलाज भी कर लेते है। चोट या घाव हो जाने पर खुद से ही मरहम पट्टी कर देते है। यहां तक कि कभी कभी घाव में कीड़े पड़ जाते है, तो उसे भी अपने हाथ से ही साफ कर लेते है।

# गाय का एक बूंद दूध भी नहीं दुहा

गोशाले में कई गाये दूध भी दे रही है। लेकिन मजाल क्या कि एक बूंद दूध भी कोई दुह ले। गाय से जन्मे बछड़े या बछिया ही सारा दूध पीते है। इस समय भी उनके गोशाले में दो गायें बच्चा दे चुकी है। लेकिन उनसे एक बूंद दूध भी नहीं दुहा जाता।

# पेड़ की छांव में ही पलते मवेशी

धन और संसाधनो के अभाव में पेड़ की छांव तले ही सभी मवेशियों का गुजारा चल रहा है। सर्दी के मौसम में ग्रामीणो के सहयोग से पेड़ के नीचे तलपतरी डाल उसी में सभी पशुओं को रखा गया था। श्री पाण्डेय ने बताया कि इसके लिए शासन प्रशासन स्तर पर किसी से सहयोग की सिफारिश ही नहीं की गई है। आस्था से लबरेज होकर कहा कि आगे गोमाता का जैसा आशीर्वाद होगा वह खुद बन जायेगा। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बदलापुर ने कहा कि इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं थी। आगे शासन स्तर से जो भी सुविधाएं है उसे अवश्य मुहैया कराया जायेगा।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37096190
Total Visitors
549
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मी कर रहीं जागरूक, दस्तक अभियान के दौरान घर-घर दे रही दस्तक

लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मी कर रहीं जागरूक, दस्तक अभियान के दौरान घर-घर दे रही दस्तक खेतासराय, जौनपुर।  अजीम...

More Articles Like This