तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के चौपाइयां आज भी उतनी उपयोगी और प्रासंगिक हैं जितनी सतयुग में थी : ज्ञान प्रकाश
# श्रीराम कथा के श्रवण मात्र से जीव का कल्याण हो सकता है : मुरलीपाल
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
प्रभु श्रीराम द्वारा लोक कल्याण हेतु सामाजिक समरसता के उच्च मान बिन्दुओं की स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस के चौपाइयों के रूप में स्थापित की गई हैं। जो आज भी उतनी ही उपयोगी और प्रासंगिक हैं जितनी सतयुग में थीं।उक्त बातें जनपद के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं समाजसेवी ज्ञानप्रकाश सिंह ने बीआरपी इंटर कालेज के मैदान में सेवा भारती के तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के भूमि पूजन के दौरान कही गई।
उन्होंने श्रीराम कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम ने सिर्फ रावण वध के लिए इस धरा पर अपना प्राकट्य नहीं किया था। उन्होंने एक सामाजिक सन्देश भी दिया था कि जब देश का राजा सन्यासियों के परिवेश में अपनी प्रजा से मिलने नंगे पांव वन में प्रस्थान करता है, तो उस देश की जातीय विषमताओं के बंधन को तोड़कर समरसता और सद्भाव के अद्भुत जीवन मूल्यों की स्थापना होती है। यहीं रामराज्य की परिकल्पना साकार होती है।
प्रभु श्रीराम ने प्रौढ़ावस्था को प्राप्त परम तपस्विनी माता शबरी के जूठे बेर खाकर नफरत फैलाती जातीय मान्यताओं को खंडित करने के साथ दिव्य नवधाभक्ति रूपी मणि से उनको सुशोभित भी किया। पक्षीराज जटायु को प्रभु ने मुखाग्नि देकर यह सन्देश दिया कि नारी की अस्मिता रक्षित करने वाला अधम से अधम जीव को भी वो गति प्राप्त होती है जो प्रभु श्रीराम अपने पिता महाराज दशरथ को नहीं दे पाए।
पारिवारिक जीवन मूल्यों में पति-पत्नी, माता-पिता, गुरुजनो-विद्यार्थियों, राजा-प्रजा, नर-वानर, पुष्प-लताओं, पशु-पक्षियों इत्यादि से अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए वनों में माता सीता की खोज करने वाले प्रभु श्री राम धर्म की स्थापना के लिए समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अपने हृदय से लगाते हैं।
ऐसे प्रभु श्रीराम की कथा का रसास्वादन सेवा भारती समिति जौनपुर, काशी प्रांत द्वारा 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रख्यात कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज द्वारा किया जा रहा है। रामकथा में शामिल होकर मेरे अपने सहोदर जनपदवासी अपने जन्म-जन्म के पुण्य को उदित करें। यही मेरी जनपदवासियों से अपील है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत कार्यवाह मुरलीपाल जी ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि लोक मंगल, एवं जनपदवासियों के सुख शांति हेतु आयोजित इस पावन श्री राम कथा के श्रवण मात्र से जीव का कल्याण हो सकता है।कार्यक्रम में प्रकांड विद्वान एवं कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य रजनीकांत द्विवेदी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण द्वारा विधिवत संकल्प एवं हवन पूजन किया गया।
भूमि पूजन कार्यक्रम के अंत में गणेश साहू जिलाध्यक्ष सेवा भारती काशी प्रांत ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु ज्ञान प्रकाश सिंह का विशेष आभार प्रकट किया।भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रदीप सिंह रिंकू, डा. सुचित्रा सिंह, डा. सरला त्रिपाठी, रविंद्र, सत्य प्रकाश, हर्ष, भुवनेश्वर सिंह, उर्वशी सिंह, रामसागर तिवारी, शिवा सिंह समेत सैकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।