रामकथा जीवन जीने की कला सिखाती है
खेतासराय, जौनपुर।
अजीम सिद्दीकी
तहलका 24×7
नगर के गोलाबाजार स्थित रामलीला मैदान परिसर में चल रहे राम चरित मानस एवं श्रीमद्भागवत महाज्ञान यज्ञ में श्रद्धालु कथा का अमृतपान कर रहे हैं। कथा के सातवें दिन मानस कथा में राम वनवास कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे।मानस कथा के मर्मज्ञ डा.अजय तिवारी ने श्रीराम केवट संवाद सुनाया। कहा राम कथा व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाती है।
राम कथा सबको प्रसन्न करने वाली और कष्टों का नाश करने वाली कथा है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण पं.अखिलेश चन्द्र मिश्र ने कराते हुए कहा कि गोवर्द्धन उठाकर भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का अभिमान दूर किया। ब्रजवासियों को अपनी पूजा का फल प्राप्त कराया। श्री मिश्र ने बताया कि प्रभु मेवा, माखन, मिश्री का भोग बाद में लगाते हैं, अभिमान का भोग पहले लगाते हैं। इसलिए, अभिमान से सर्वदा बचना चाहिए।
इस अवसर पर रूपेश गुप्ता, भृगुनाथ जायसवाल, राधेश्याम जायसवाल, रवि कुमार बरनवाल, आनंद जायसवाल, अनिल कुमार उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, प्यारे मोहन श्रीवास्तव, रतन बरनवाल, वीरेंद्र पाण्डेय, पुष्पा चौबे, रेशमा प्रजापति सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।