लखनऊ पेशाब कांड: सांसद अवधेश प्रसाद धरने पर बैठे, अन्य दलों के नेताओं ने की निष्पक्ष जांच की मांग
लखनऊ।
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राजधानी के काकोरी में पेशाब कांड को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है।अयोध्या (फैजाबाद) से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद काकोरी शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए। सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने में भी किसी को पेशाब नहीं पिलाया गया था। उन्होंने घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सांसद ने कहा कि दलित समाज के सम्मान की रक्षा के लिए यह लड़ाई अब सड़कों से विधानसभा तक लड़ी जाएगी। इस दौरान उनके साथ पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजबाला रावत, कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। काकोरी में हालिया घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक और सामाजिक टकराव सामने आया है। एक ओर भाजपा नेताओं सहित अन्य लोगों ने इसे ‘सज्जन परिवार’ को बदनाम करने की साजिश बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता डॉ. आशीष दीक्षित ने भी इस कृत्य को निंदनीय साजिश करार देते हुए इसकी निष्पक्ष जांच पर जोर दिया है। इस तरह, काकोरी कांड अब ‘जातीय उत्पीड़न’ के आरोपों और ‘मंदिर षड्यंत्र’ के दावों के बीच फंसकर विवाद का रुप ले चुका है।बताते हैं कि काकोरी में सोमवार को एक बुजुर्ग शीतला माता मंदिर के सामने से सोमवार को गुजर रहे थे। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी।समस्या लगने पर वह मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए।

पानी पीते समय उनके हाथ से थोड़ा पानी गिर गया। यह देखते ही मंदिर के सामने की दुकान से एक दबंग पहुंच गया, उसने बुजुर्ग को डांटना शुरु कर दिया। दबंग ने कहा कि अब मंदिर को शुद्ध करना होगा। उसने पूरा मंदिर धुलवाया। मामला सुर्खियों में आने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। काकोरी पेशाब कांड में गिरफ्तार किए गए आरोपी स्वामी कांत उर्फ पम्मू के पक्ष में अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और स्थानीय लोग सामने आए हैं।

उन्होंने इस पूरे मामले को स्वामी कांत और उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश बताते हुए घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।विजय कुमार यादव, बरगद तला काकोरी व अमित कुमार गौतम कटरा बाजार काकोरी ने बताया कि कई साल से पितृ पक्ष के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर परिसर में नौटंकी का आयोजन कराया जाता था। इस दौरान नर्तिकाएं आकर डांस करती थीं, जो मंदिर की पवित्रता के हिसाब से अशोभनीय था।

प्रबंधन ने इसका विरोध किया, जिसके बाद प्रशासन ने नौटंकी के आयोजन की अनुमति देना बंद कर दिया। वहीं, स्थानीय निवासी वाशु गुप्ता, पुरुषोत्तम ने आरोपी स्वामी कांत उर्फ पम्मू का बचाव किया। बताया कि स्वामी कांत स्वभाव से बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं और वह किसी से भी गलत व्यवहार नहीं करता है। उन्होंने यह भी बताया कि शीतला माता मंदिर का निर्माण स्वामी कांत के परिवार ने ही कराया था और तभी से उनका परिवार मंदिर की देखरेख करता चला आ रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पास में ही रहने वाले पीड़ित रामपाल भी अक्सर मंदिर पर ही रुकते थे और उनके साथ कभी कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था।

उन्होंने भी नौटंकी के आयोजन बंद होने का जिक्र करते हुए, आरोप लगाया कि जिन लोगों ने नौटंकी बंद होने का विरोध किया था, उन्हीं लोगों ने ये सब षड्यंत्र के तहत किया है और अब राजनीतिक पार्टियां इसमें राजनीति कर रही हैं।उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता डॉ. आशीष दीक्षित ने कहा कि इस मामले में जिस तरह से राजनीति हो रही है, वह उचित नहीं, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह व वरिष्ठ भाजपा नेता मिथिलेश कुमार यादव ने कहा कि स्वामी कांत का परिवार अत्यंत सज्जन है और क्षेत्र में लोग उनका काफी सम्मान करते हैं।

वे हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहते हैं। नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची गई है। इन नेताओं ने जोर देकर कहा कि अगर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाती तो सच निश्चित रुप से सामने आ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस संवेदनशील घटना की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका मानना है कि स्वामी कांत को फंसाने के पीछे गहरी साजिश है, जिसका पर्दाफाश होना जरुरी है।








