सत्संग से ही प्राप्त हो सकती है अहंकार पर विजय- बाबा बजरंगदास
# नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का समापन
कादीपुर।
मुन्नू बरनवाल
तहलका 24×7
अहंकार पर विजय सत्संग से ही प्राप्त हो सकती है। जिसके जीवन में धर्म आ जाये उसके जीवन में क्लेश नहीं हो सकता। कर्म का फल भुगतना ही पड़ता है इसलिए सतर्क और सजग होकर कर्म करें। उक्त बातें प्रख्यात कथावाचक बाबा बजरंगदास ने कहीं। वे जूनियर हाईस्कूल मैदान में चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के समापन अवसर पर रामकथा सुना रहे थे।
बाबा बजरंगदास ने बताया कि जिस परिवार में अपने से बड़ों का सम्मान नहीं वह परिवार सौभाग्यशाली नहीं हो सकता। माता पिता गुरु व श्रेष्ठ जनों का आदर करके हम बहुत कुछ पा सकते हैं। बाल व्यास सम्पूर्णानंद महराज ने कहा कि रामचरित मानस असाधारण ग्रंथ है। इसका हर शब्द मंत्र है। इसके पाठ से पाप से तो मुक्ति मिलती ही है शरीर में भी दैवीय शक्ति आ जाती है।समापन अवसर पर संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रभु राम का राजतिलक किया।
आभार ज्ञापन करते हुए ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहा कि बीस वर्षों से लगातार एक ही स्थान व एक ही कथाकार द्वारा होने वाली यह रामकथा क्षेत्र में एक नया इतिहास रच रही है। अगले वर्ष यह कथा एक नवंबर से शुरु होगी। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। अशोक दूबे, आशुतोष सिंह व परमानंद आदि की टीम ने संगीतमय भजन प्रस्तुत किया।