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Monday, May 6, 2024

गाजीपुर नाव हादसा : छह परिवारों को मिला जिंदगी भर का गम

गाजीपुर नाव हादसा : छह परिवारों को मिला जिंदगी भर का गम

# किसी ने खोया इकलौता पुत्र तो किसी ने पिता और भाई

गाजीपुर।
आर एस वर्मा
तहलका 24×7
                जनपद के अठहठा गांव में बुधवार को यात्रियों से भरी नाव बाढ़ के पानी में पलटने से लापता पांच लोगों के शव भी गुरुवार को बरामद कर लिए गए। इस तरह हादसे में मरने वालों की संख्या सात हो गई। ह्दय विदारक हादसे से पूरा जनपद गमगीन हो गया। जनपद के कई जनप्रतिनिधि और अन्य लोग घटना स्थल, मर्चरी हाउस और अंत्येष्टि स्थल पहुंचे। पीड़ितों के रोने-बिलखने और बदहवासी के बीच वे लोगों को ढाढ़स बंधाते रहे। नाव हादसे ने छह परिवारों को पूरी उम्र सालने वाला दुख दिया है।
हादसे में किसी ने इकलौते पुत्र तो किसी ने पिता और भाई तो किसी ने पुत्री और पति को खोया। दुर्घटना में पत्नी को तो बचा लिया पर खुद की सांसें थम गई। गांव पर दुखों का ऐसा पहाड़ टूटा कि सिर्फ चीत्कार ही सुनाई दे रही है। गुरुवार को बच्चों का शव देखकर रोती- बिलखती महिलाओं को देखकर हर किसी का कलेजा कांप रहा था।
बीएसएफ जवान की पांच वर्षीय मासूम पुत्री अलीशा यादव का 30 अगस्त को जन्मदिन था। घर के लोगों ने काफी धूमधाम के साथ उसका जन्मदिन मनाया था। परिजनों को क्या पता था कि मासूम का यह आखिरी जन्मदिन है। हादसे की जानकारी होने के बाद घर पहुंचे पिता अपनी मासूम पुत्री को मृत देख बेसुध हो गए और बिलख पड़े।
अठहठा गांव निवासी शिवशंकर उर्फ डब्लू गौड़ अपने छोटे पुत्र सत्यम गौड़ की तबीयत खराब होने पर उतरौली चिकित्सक के पास दिखाने आए थे। वहां से पुत्र को दवा दिलाकर बाजार से खरीदारी की। इधर बड़ा पुत्र शिवम गौड़ पिता और छोटे भाई के लौटने का इंतजार कर रहा था। उसे क्या पता था कि उसका इंतजार अब कभी खत्म नहीं होगा। नाव हादसे में पिता-पुत्र दोनों की डूबकर मौत हो गई।
नगीना और पत्नी फूलमती देवी पशुओं के लिए घास लाने गए थे। नाव पर सवार होकर पति-पत्नी घर के लिए रवाना हुए, लेकिन हादसे के शिकार हो गए। फूलमती ने बताया कि दुर्घटना के समय उनके पति नगीना ने उन्हें तो बचा लिया, लेकिन उनकी सांसें थम गई।
अनिल पासवान की पुत्री संध्या भी मां मंजू देवी के साथ नाव पर सवार थी। ग्रामीणों ने डूब रही मां मंजू देवी को तो बचा, लेकिन संध्या की मौत हो गई। वह भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। पिता अनिल पासवान राजस्थान में प्राइवेट नौकरी करते हैं। घटना की जानकारी होने के बाद वहां से घर के लिए रवाना हो गए।
बीएसएफ जवान कमलेश यादव की पांच वर्षीय पुत्री अलीशा यादव गांव के ही एक स्कूल में नर्सरी की छात्रा थी जो अपने चाचा धर्मेंद्र यादव और चचेरे भाई खुशीहाल यादव के साथ डेरे पर जा रही थी। घटना में चाचा धर्मेंद्र यादव तो बच गए, लेकिन अलीशा और खुशीहाल की मौत हो गई। खुशीहाल अपने मां- बाप का इकलौता पुत्र था। अमित पासवान भी नाव पर सवार था, जिसकी दुर्घटना में मौत हो गई। बच्चों का शव देख सभी का कलेजा फटा जा रहा था। ग्रामीणों एक-दूसरे को सांत्वना देकर शांत कराने में जुटे रहे।
नाव पर सवार अलीशा की बड़ी बहन मुस्कान ने बताया कि नाव पर सवार लोग सांप देखकर कूदने लगे। एक-दो ग्रामीणों के कूदने से नाव असंतुलित हो गई और देखते ही देखते अन्य लोगों ने भी कूदना शुरू कर दिया। देखते ही देखते नाव में पानी भरने लगा और अचानक नाव डूब गई। ग्रामीणों ने ट्यूब के सहारे कई डूब रहे लोगों को बचाने का प्रयास किया।
नाव हादसे के बाद जनपद ही नहीं कई जिलों के लोग सिहर उठे। इधर राहत बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों के मुताबिक टीम सुबह दस बजे के बाद पहुंची। हालांकि टीम ने पहुंचकर अलीशा का शव बरामद कर लिया, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि अगर समय से टीम पहुंच जाती तो सुबह से गांव के लोग जिस तरह से कड़ी मशक्कत कर रहे थे, उन्हें इस टीम की सहायता मिलती और राहत-बचाव का कार्य तेज हो जाता।
अठहठा में नाव हादसे के दूसरे दिन बृहस्पतिवार तक सात शव पानी से निकाले गए । इसके साथ ही प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दिया है। इसमें दैविक आपदा के अंतर्गत छह परिवार के सात सदस्यों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो 24 से 48 घंटे के भीतर पीड़ितों के खाते में आने की बात कही जा रही है।
अठहठा में ह्दय विदारक हादसे से पूरा जनपद गमगीन हो गया। जनपद के कई जनप्रतिनिधि और अन्य लोग घटना स्थल, मर्चरी हाउस और अंत्येष्टि स्थल पहुंचे। पीड़ितों के रोने-बिलखने और बदहवासी के बीच वे लोगों को ढाढ़स बंधाते रहे। परिजनों और ग्रामीणों की चीत्कार रूह कंपा दे रहा था।

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