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Thursday, May 9, 2024

जौनपुर : काबुल से लौटे दूतावास में तैनात एसआई आशीष

जौनपुर : काबुल से लौटे दूतावास में तैनात एसआई आशीष

# भावुक पत्नी बोलीं- शुक्र है सरकार का, बचा लिया मेरा सब-कुछ

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
              अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास में फंसे जौनपुर जिले के निवासी आईटीबीपी एसआई आशीष सिंह के स्वदेश लौटने से परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है। परिवार वाले और परिचित आशीष के जौनपुर जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र के बिसावां और नईगंज स्थित आवास पर पहुंचकर वहां की जानकारी लेते देखे गए। दूसरी ओर उनकी पत्नी रीतु पति की काबुल में फंसने की बातें याद कर बेहद भावुक हो गईं।

आशीष कुमार की शादी 2003 में रीतु सिंह के साथ हुई थी। उनके तीन बच्चे उत्कर्ष (16), पार्थ (3) और बेटी शानवी (2) हैं। रीतु पति के काबुल में फंसने की घटना बताते-बताते भावुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि आशीष से उनकी 15 अगस्त को वीडियो कॉल से बात हुई थी। वहां के हालात जानने के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ था। कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मन में बार-बार यही ख्याल आ रहा था कि अगर उन्हें कुछ हो गया तो बच्चों का क्या होगा।
लेकिन, मैं भारत सरकार की बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरा सब-कुछ बचा लिया। वहीं आशीष के चचेरे भाई व प्राथमिक विद्यालय रइयां में शिक्षक राजकुमार सिंह बताते हैं कि आशीष की ड्यूटी इसी साल 22 फरवरी को काबुल स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक व कर्मचारियों की सुरक्षा में लगी थी। लेकिन 15 अगस्त को परिवार को अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे की खबर मिली तो वे भयभीत हो गए।

उन्होंने बताया-  मैंने उन्हें सुबह 10 बजे के करीब फोन किया था, तब उन्होंने बताया कि मोदी जी सब ठीक कर लेंगे, कोई परेशानी नहीं है। लेकिन डेढ़ घंटे बाद उन्होंने फिर फोन किया तो आशीष नर्वस नजर आए और बोले अब यहां की स्थिति बिगड़ रही है। हालांकि शाम तक भारत से दूतावास में फंसे लोगों को लाने के लिए विशेष विमान का प्रबंध किया गया। लेकिन, काबुल हवाई अड्डे पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण कोई निकल नहीं पाया। अगले दिन 16 अगस्त को उड़ानें रद्द हो गईं। इसके चलते वह पूरी तरह से नर्वस हो गए। मगर, रात में भारत का विशेष विमान वहां पहुंच गया और वे विमान तक पहुंचे। 17 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे गुजरात के जाम नगर पहुंचे।

परिवार वालों के मुताबिक उन्होंने उतरते ही किसी के मोबाइल नंबर से वीडियो कॉल किया। उन्होंने भारत माता की जयकारे लगाते हुए कहा कि बजरंग बली की कृपा और मोदी जी के प्रयास से मैं भारत आ गया हूं। वहां जाने के बाद मुझे पता चल गया कि मेरा भारत क्यों सबसे अच्छा है। हालांकि शाम को ही सवा पांच बजे हिंडन एयरवेज गाजियाबाद स्थित कैंप में भेज दिए गए। परिवार के लोगों के मुताबिक यदि सब-कुछ ठीक-ठाक रहा तो क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद वह घर भी आएंगे, जिसका पूरे परिवार को बेसब्री से इंतजार है।  

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