36.1 C
Delhi
Tuesday, May 7, 2024

जौनपुर : बाल कल्याण समिति ने चार शिशुओं के स्वस्थ होने पर शिशु गृह में किया संरक्षित

जौनपुर : बाल कल्याण समिति ने चार शिशुओं के स्वस्थ होने पर शिशु गृह में किया संरक्षित

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
                  चाइल्ड लाइन और न्यूबार्न चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) के संयुक्त प्रयास से स्वस्थ होने के बाद लावारिश नवजात को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहां से उसे मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना स्थित शिशु गृह में संरक्षित कर दिया गया।
चाइल्ड लाइन के राजकुमार पांडे ने बताया कि 14 मार्च को गौरा बादशाहपुर के घरसंड पुलिस चौकी के पास सड़क के किनारे झाड़ियों में कोई नवजात बच्ची को छोड़कर चला गया था। वहां की पुलिस की ओर से फोन आया और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए कहा गया। इसके बाद राजकुमार और सुमन द्वारा मौके पर 102 एम्बुलेंस भेजी गयी और स्वयं  एसएनसीयू  पहुंच गए। इसके बाद उसे वहाँ भर्ती कराया गया। 27 मार्च को स्वस्थ घोषित होने पर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से शिशु गृह में संरक्षित कर दिया गया। इस साल अभी तक चार लावारिस शिशुओं को एसएनसीयू भेजकर स्वस्थ हो जाने पर उन्हें बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिशु गृह में संरक्षित कर दिया गया।
एसएनसीयू की स्टाफ नर्स प्रतिभा पांडे बताती हैं कि बच्ची जब आई उस समय वह चार दिन की थी। बहुत शांत स्वभाव थी। उसे दूध पिला दिया जाता था और वह शांति के साथ सोती रहती थी। इसके अलावा उसे स्वस्थ करने के लिए जिसकी जो जिम्मेदारी थी, वह उसे निभाती रहीं।एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ संदीप सिंह ने बताया कि एसएनसीयू पर नवजात बच्चों को स्वस्थ बनाने की जिम्मेदारी है। यह बच्ची 14 मार्च को आई।

बिना माता-पिता के बच्चों के प्रति एसएनसीयू के स्टाफ का स्वभाविक तौर पर ज्यादा लगाव हो जाता है। बच्ची के स्वस्थ हो जाने पर उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। बच्ची की परवरिश में लगा स्टाफ आगे के उसके स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करता है। इसके पहले भी कई नवजात स्वस्थ किए जा चुके हैं जिनके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एक बच्ची 20 जनवरी को जलालपुर में एक नहर के पास तथा दूसरा नवजात 29 जनवरी को खुटहन ब्लॉक के उंगली गांव में गंभीर हालत में मिले थे। 11 फरवरी को डोभी ब्लॉक के रामदत्तपुर में चाइल्ड लाइन को एक बच्ची मिली थी। इन सभी को स्वस्थ कर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया।
साल 2017 में एसएनसीयू खुलने से लेकर अभी तक लगभग 35 नवजात आए जिनके माता-पिता का पता नहीं था। इस समय हर वर्ष 12 से 15 बच्चे ऐसे नवजात आ जाते हैं। यहां आने पर उनके इलाज से लेकर कपड़ा और दूध सभी का खर्च एसएनसीयू ही उठाता है। एक नवजात की परवरिस में प्रतिदिन औसतन 150 से 200 रुपये तक का खर्च आता है। स्वस्थ हो जाने पर बाल संरक्षण गृह से सम्पर्क कर इन्हें बाल संरक्षण अधिकारी को सौंप दिया जाता है। जहां से वह बाल संरक्षण गृह बलिया आदि अन्य जगहों पर अच्छे स्वास्थ्य एवं जीवन प्रबंधन के लिए भेज दिए जाते हैं।

तहलका संवाद के लिए नीचे क्लिक करे ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓ ↓

लाईव विजिटर्स

37278430
Total Visitors
802
Live visitors
Loading poll ...

Must Read

Tahalka24x7
Tahalka24x7
तहलका24x7 की मुहिम..."सांसे हो रही है कम, आओ मिलकर पेड़ लगाएं हम" से जुड़े और पर्यावरण संतुलन के लिए एक पौधा अवश्य लगाएं..... ?

गर्मी को देखते हुए भीड़ वाली जगह पर प्याऊ की व्यवस्था करे नगर पालिका : डीएम 

गर्मी को देखते हुए भीड़ वाली जगह पर प्याऊ की व्यवस्था करे नगर पालिका : डीएम  जौनपुर।  विश्व प्रकाश श्रीवास्तव  तहलका 24x7  ...

More Articles Like This