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Sunday, April 28, 2024

जौनपुर : व्रती माताओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

जौनपुर : व्रती माताओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

# पूरे जनपद सहित ग्रामीणांचलों में भी धूमधाम से मनाया जा रहा डाला छठ का पर्व

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
                   बिहार का प्रमुख लोकपर्व डाला छठ अब पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। बीते सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू डाला छठ (सूर्य षष्ठी) के तीसरे दिन यानी बुधवार को व्रती माताओं बहनों द्वारा अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया।बुधवार को जनपद में डाला छठ का पर्व व्रती महिलाओं द्वारा धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ मनाया जा रहा है। व्रती महिलाएं गोमती नदी किनारे स्थित गोपी घाट, हनुमान घाट, विसर्जन घाट पर आज महिलाओं ने विधिवत वेदी बनाकर ईख को नदी में गाड़ कर नदी की जलधारा में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देकर अपनी पूजा प्रारंभ किया।

गुरुवार सुबह सूर्योदय के समय पुनः उगते सूर्य देवता को जल देकर महिलाएं अपने व्रत का पारण करेगी। छठ मईया की पूजा के बारे में ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों को बेटा नहीं होते हैं वह यदि विधि विधान से पूजा करें तो उन्हें बेटा अवश्य प्राप्त होता है। साथ ही लोगों द्वारा घर में सुख शांति संपदा के लिए छठ मईया की पूजा विधि विधान से की जाती है। व्रती माता शशिकला ने बताया कि इस बार वह प्रथम वर्ष छठ पूजा कर रही है ऐसी मान्यता है कि जिनके पुत्र नहीं है। वह अगर यह पूजा करती हैं तो उन्हें पुत्र जरूर प्राप्त होता है। साथ ही परिवार की लोगों की लंबी आयु और सुख शांति के लिए पूजा की जाती है।
व्रती माताओं ने मंगलवार को खरना का व्रत रखते हुये शाम को खीर-रोटी खाया। बुधवार की शाम को स्नान करने के बाद नये परिधान ग्रहण करते हुये महिलाएं फल, गन्न, लाल कंदा, फूल, माला, अगरबत्ती, धूपबत्ती सहित अन्य सम्बन्धित पूजन सामग्रियां लेकर नदी, तालाब, जलाशय आदि के किनारे पहुंच गयीं।अर्ध्य देने के बाद छठी मईया का गीत गाते हुये महिलाएं घर चल गयीं। दूसरे दिन यानि गुरूवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन करेंगी जिसके बाद सगे-सम्बन्धितों सहित अन्य लोगों को प्रसाद देंगी।
नगर के गोमती नदी किनारे स्थित प्रतिमा विसर्जन घाट, गोपी घाट, गूलर घाट, हनुमान घाट, तूतीपुर घाट, केरारवीर घाट, रत्ती लाल घाट, मां अचला देवी घाट, पांचो शिवाला मन्दिर घाट सहित जिला मुख्यालय सहित ग्रामीणांचलों के नदियों, तालाबों, नहरों सहित अन्य जलाशयों के किनारे जहां व्रती माताओं ने अनुष्ठान किया, वहीं उनके परिजन सहित देखने वालों की काफी भीड़ एकत्रित रही। इस पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन व सामाजिक संगठनों द्वारा भी जगह-जगह तमाम तरह की व्यवस्था है की गई थी जिससे इस पर्व पर आए लोगों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े लोगों द्वारा निशुल्क चाय और दूध की स्टाल भी लगाए गए।

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