अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
शाहगंज राजकुमार अश्क तहलका 24×7 नगर के आजमगढ़ रोड पर स्थित मदर निसा फाउंडेशन के कार्यालय पर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें संस्था के अध्यक्ष फैजान अंसारी ने इस विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्व भर में 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पुरी दुनिया में अपनी भाषा अपनी संस्कृति के प्रति लोगों में लगाव पैदा हो, लोग अपनी संस्कृति अपनी भाषा के प्रति जागरूक हो। उसकी उन्नति के लिए सजग प्रहरी बन कर उसे आगे बढाएं।
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सर्वप्रथम बाग्लादेश से आया, तत्पश्चात युनेस्को ने एक सम्मेलन में इस बात की चर्चा 17 नवम्बर 1999 में की जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। डाॅ कासिफ ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिन्दी भले ही हमारी मातृभाषा है मगर ऊर्दू भी उसकी छोटी बहन की तरह ही उसके साथ हमेशा चलती है, भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है यहाँ कि बोली भाषा सबकुछ अलग होतें हुए भी एक माला की तरह गुधा हुआ है।
राघवेंद्र शुक्ल ने बताया कि दूसरी सबसे लोकप्रिय भाषा हिन्दी है 1961 की जनगणना के अनुसार भारत 1652 भाषाएँ बोली जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ भारत में ही 1365 भाषाएँ मातृभाषा के रूप में जानी जाती है इन सबके बीच हिन्दी दूसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है। वही मदर निसा फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य गुफरान अहमद ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के पीछे एक मकसद है कि दुनिया भर की भाषाओँ और संस्कृति का सम्मान हो।
इस अवसर पर राजीव सिंह, एख़लाक़ खान, ज़ेया अनवर, रविशंकर वर्मा, इस्लाम भाई, डाॅक्टर कासिफ, जमील अहमद, सलीम खान, अजय यादव, सुफियान अंसारी, बेलाल आतिस, रिजवान अहमद, फैजान अहमद, राघवेंद्र शुक्ल, अखिलेश दूबे, राजकुमार अश्क आदि सदस्य गण एवं सम्भ्रान्त लोग उपस्थित होकर संगोष्ठी को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।