अटाला मस्जिद प्रकरण में अगली सुनवाई 15 अप्रैल को
# हिंदू स्वराज वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया जान का खतरा, हाईकोर्ट ने अंगरक्षक देने का दिया आदेश
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका न्यूज नेटवर्क
अटाला मस्जिद विवाद में एक नया मोड़ आया है। जिला जज कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए 15 अप्रैल की नई तारीख तय की गई है। यह सुनवाई वक्फ बोर्ड द्वारा दायर की गई निगरानी याचिका पर होगी, जिसमें मस्जिद के क्षेत्राधिकार का मुद्दा प्रमुख है।विवाद की शुरुआत स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा द्वारा दायर एक वाद से हुई, जिसमें मस्जिद को खाली करवाने की मांग की गई थी।

मुस्लिम पक्ष ने इस केस की विश्वसनीयता को चुनौती दी, लेकिन सिविल जज जूनियर डिवीजन ने उनकी अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से वक्फ बोर्ड ने जिला जज कोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की, जिस पर वाहिनी ने आपत्ति दर्ज कराई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 18 फरवरी की तारीख निर्धारित की थी। अब इस संवेदनशील मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी, जिसमें दोनों पक्षों के बीच गंभीर बहस की संभावना है।

मामले में तहलका न्यूज नेटवर्क के प्रतिनिधि से बात करते हुए हिंदू स्वराज वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पूजा की अवधारणा को लेकर सुनवाई चल रही है। इसी के तहत यहां भी इस मामले की सुनवाई चल रही है जिसके लिए अगली तिथि 15 अप्रैल कोर्ट ने निर्धारित की है। बड़ा मामला होने के नाते यह जन सुनवाई का विषय है। किसी एक धर्म संप्रदाय से जुड़ा हुआ मामला नहीं है।इस मामले में तमाम लोगों की गवाही, सबूत और साक्ष्य आने हैं।

इस कारण मामला लंबा चलेगा जिस तरह से कोर्ट लगातार सुनवाई कर रही है उसे पूरी उम्मीद है कि फैसला हमारे ही पक्ष में रहेगा। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश आएगा निश्चित रूप से हमारी कार्रवाई आगे बढ़ जाएगी। इस मामले में मुझे डर भी है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने मुझे सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए भी आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं।मामले में हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता रामसिंह ने कहा कि 22 अक्टूबर को सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर के ऑर्डर 7 रूल 11 के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा जिला जज कोर्ट में एक निगरानी याचिका दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई आज होनी थी।

जिला जज के आदेश पर पत्रावली एडीजे चार के न्यायालय में अवतरित हो गयी। इसलिए वहां आज सुनवाई होनी थी लेकिन आज पहली तारीख थी इसलिए सुनवाई नही हो पाई।अग्रिम सुनवाई के लिए न्यायालय ने 15 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।मुस्लिम पक्ष ने एडीजे चार कोर्ट से आग्रह किया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरशिप एक्ट पर सुनवाई के बाद ही इस केस की सुनवाई की जाए।