गैंग रेप मामले में एसआईटी गठित, डीसीपी समेत सर्विलांस टीम तथ्यों का बारीकी से करेंगी परिक्षण
वाराणसी।
तहलका 24×7
बनारस में युवती से दुष्कर्म के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को आरोपी पक्ष की तरफ से सोशल मीडिया की चैटिंग पेश की गई है, जो 2-3 अप्रैल की बताई जा रही है। जिसमें युवती खुद मैसेज कर कैफे पहुंचने की जानकारी दे रही है।पुलिस कमिश्नर ने बताया कि यह वो डेट है जिसमें पीड़िता स्वयं को बंधक बनाने की बात कर रही है।

इसको लेकर एक एसआईटी गठित की गई है। इसमें जो अज्ञात व्यक्ति हैं, उन पर तभी कार्रवाई होगी, जब एसआईटी टीम जांच में दोषी पाए जाएंगी।किसी भी निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा।वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि आरोपी परिवार की तरफ से प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमें सबूत के साथ विडियोज एवं इंटाग्राम के चैट शामिल हैं। एक इंस्टाग्राम चैट पर जिसे पीड़िता ने आरोपी बताया है, उसको मैसेज कर रही है कि मैं कैफे पहुंच रही हूं।

पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि लड़की स्वयं कैफे पहुंची है ना कि उसे किसी ने बुलाया है। यह चैटिंग भी दो या तीन तारीख की है। जिसमें वह स्वयं को बंधक बता रही है। जैसा बताया गया कि लड़की अपने घर जाने के लिए तैयार नहीं थी, काफी कन्विंस करने के बाद वह घर जाने के लिए तैयार हुई।पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पीड़िता की सहेली, जिसके घर रुकने की बात आ रही है, वह पीड़िता के घर से 500 मीटर की दूरी पर है। जिस अवधि में उसे बंधक बनाने की बात है, इस दौरान वह उसके घर दो बार रही है।

लेकिन इस दौरान कोई भी सूचना घर वालों या पुलिस को नहीं दी गई है। इस तरह के आरोप सामने आ रहे हैं, जिसको लेकर एक एसआईटी गठित की गई है। जिसमें डीसीपी क्राइम, डीसीपी वरुणा जोन, एडीसीपी वरुणा लेडीज आईपीएस ऑफिसर, उस क्षेत्र के एसीपी, एसओजी टीम, सर्विलांस टीम एवं एक इंस्पेक्टर रैंक के आईओ इसमें तैनात किए जा रहे है। जो सभी तत्वों की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसी के साथ अन्याय ना हो।

पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि मुकदमे में 11 अज्ञात लोग हैं। इन लोगों की गिरफ्तारी तभी होगी जब एसआईटी पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त कर लेगी। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी व्यक्ति के साथ धन उगाई ना हो, ना ही किसी के साथ अन्याय हो। सभी के साथ न्याय हो, यही प्रयास रहेगा।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जो प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उसमें किसी भी तरह की एक्सटर्नल इंजरी डॉक्टरों ने नहीं लिखी है। जो सप्लीमेंट्री रिपोर्ट आने में थोड़ी देर में आती है उसका इंतजार किया जा रहा है। जो 14 लोग जेल गए हैं, उसमें कुछ लोग निर्दोष भी हो सकते हैं। क्योंकि पीड़िता ने उसमें कुछ लोगों का नाम नहीं लिया है।