जामा मस्जिद से इमाम बुखारी ने पाकिस्तान को ललकारा, कहा दिल चीरकर दिखा नहीं सकते
नई दिल्ली।
तहलका 24×7
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में पूरे देश में उबाल है। दिल्ली की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा कि एक इंसान का कत्ल, पूरी इंसानियत का कत्ल है। उन्होंने पहलगाम में बेगुनाहों की हत्या को नाकाबिले बर्दाश्त बताते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता। इमाम बुखारी ने कहा कि आज दुनिया भर में जंग जैसे हालात हैं।

इंसान इंसान को मारकर अपनी कामयाबी तलाश रहा है। यह सिलसिला अगर नहीं रुका तो इंसानियत का नामो-निशान मिट जाएगा।आतंकी हमले के विरोध में कई लोगों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। जुमे की नमाज से पहले इमाम सैयद अहमद बुखारी ने पाकिस्तान के जरिए भारत में घुसपैठ कराए गए आतंकवादियों द्वारा मासूमों की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के कृत्य से भारत के करोड़ों मुसलमान शर्मिंदा होते हैं।

इससे देश में नफरत का माहौल और गहरा हो जाता है। पाकिस्तान को जवाब देना चाहिए कि भारत के मुसलमानों को इस सबका खामियाजा क्यों भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने पुरानी बातें साझा करते हुए बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ और नवाज़ शरीफ़ से भी अपील की थी कि भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाएं। हम जिन हालात से गुजरते हैं वो दिल चीर कर दिखाने लायक नहीं होते। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भारत के मुसलमानों को लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों की हरकतों की कीमत चुकानी पड़ती है। जेलों में डाले जाते हैं, शक की निगाहों से देखा जाता है।

आतंक पर बोलते हुए इमाम ने कहा कि पहलगाम में एक तरफ हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा गया। वहीं, एक मुसलमान आदिल ने पर्यटकों को बचाने के लिए दहशतगर्दों से लोहा लिया व अपनी जान गंवा दी। लेकिन उसकी कुर्बानी की चर्चा नहीं होती। क्या वो इंसान नहीं था? उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी आवाम ने इंसानियत की मिसाल पेश की है, उन्होंने हिंदू मेहमानों को अपने घरों में पनाह दी, आतंकवाद के खिलाफ जुलूस निकाले और पर्यटकों को सुरक्षित एयरपोर्ट पहुंचाया। इस दौरान बुखारी ने उस घटना की निंदा की जिसमें लोगों के कपड़े उतरवाकर उनके धर्म की जांच की गई।

उन्होंने इसे इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया और कहा कि इस तरह की हरकतों की न इस्लाम इजाजत देता है, न ही इंसानियत। उन्होंने अंत में कहा कि यह वक़्त हिन्दू-मुसलमान करने का नहीं, बल्कि देश के लिए एकजुट होकर खड़े होने का है। हमें अपनी हजारों साल पुरानी तहज़ीब व एकता को बनाए रखना होगा।

स्थानीय विधायक आले मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि जिस तरीके से कश्मीर की पहलगाम के अंदर आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, यह पूरे हिंदुस्तान पर हमला है। आज जमा मस्जिद पर खड़े होकर पूरी दिल्ली के मुसलमान डंके की चोट पर कहना चाहते हैं कि तुम में यह जिगरा था तो यह लड़ाई इंडियन आर्मी से लड़नी चाहिए थी। यह हिंदुस्तान का माहौल खराब करना चाहते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोग इसका करारा जवाब देंगे।