जौनपुर : करेंट से किसान की मृत्यु पर बिजली विभाग को दो लाख क्षतिपूर्ति आदेश
मछलीशहर। दीपक श्रीवास्तव तहलका 24×7 क्षेत्र अंतर्गत घाटमपुर गांव निवासी राजमणि की खेत में काम करते समय करेंट लगने से मौत हो गई थी। बिजली विभाग ने क्षतिपूर्ति अदा नहीं किया, बल्कि घटना से ही इनकार कर दिया। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष बुद्धिराम यादव, सदस्य रमेशचंद्र राय और विजय शंकर श्रीवास्तव ने विद्युत विभाग को आदेश दिया कि 45 दिनों के भीतर मृतक की पत्नी व पुत्र को दो लाख रुपये क्षतिपूर्ति अदा करें तथा आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज की भी अदायगी करें।
घाटमपुर निवासी मृतक राजमणि की पत्नी पतरका और पुत्र मनोज ने स्थायी लोक अदालत के समक्ष अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण उपखंड तृतीय मछलीशहर और कार्यरत अवर अभियंता पावर हाउस के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र दिया था। इसके मुताबिक 13 सितंबर 2016 को राजमणि खेत में खाद डाल रहे थे। बिजली के टूटे हुए तार में विद्युत प्रवाहित हो रहा था। इसकी चपेट में आने से राजमणि की मृत्यु हो गई। टूटे तार की सूचना पूर्व में विद्युत विभाग को दी गई थी। विपक्षी रामानंद अधिशासी अभियंता, मंगला प्रसाद अवर अभियंता ने कोर्ट में शपथ पत्र दिया कि उन्हें इस विद्युत तार टूटने के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। ऐसी कोई दुर्घटना हुई ही नहीं है।
चार वर्ष बाद विलंब से प्रार्थना पत्र दिया गया, जबकि घटना की सूचना प्रधान द्वारा थाने पर दी गई। मृतक राजमणि का पंचनामा और पोस्टमार्टम हुआ। उससे भी करेंट से मृत्यु होना प्रमाणित हुआ। इसके अलावा, प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को कार्यालय उपनिदेशक विद्युत सुरक्षा प्रयागराज ने लिखा कि राजमणि की मृत्यु विद्युत दुर्घटना में हुई। उत्तरदायी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही से अवगत कराएं। निदेशालय द्वारा क्षतिपूर्ति की संस्तुति भी की गई। निगम को क्षतिपूर्ति देनी थी। मंगला प्रसाद अवर अभियंता और लाइनमैन अशोक कुमार मिश्र को उत्तरदायी ठहराया गया कि जिन्होंने सक्षम गार्डिग नहीं की। विपक्षी ने निदेशक व उप निदेशक के आदेश के बावजूद आवेदक को क्षतिपूर्ति रकम नहीं दी गई। इसलिए उन पर क्षतिपूर्ति की धनराशि दो लाख रुपये के अलावा उस पर नौ प्रतिशत ब्याज भी कोर्ट द्वारा लगाया गया।