जौनपुर : भगवान श्रीकृष्ण ने किया पूतना राक्षसी का उद्धार
बदलापुर। दीपक श्रीवास्तव तहलका 24×7 क्षेत्र अंतर्गत उमरी कला गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक अखिलेश चंद्र पाण्डेय ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।कथा व्यास ने कहा कि प्रेम हो या द्वेष, लोभ हो या फिर मोह किसी भी भावना से यदि प्रभु से संबंध जुड़ जाए तो भगवान उसे अपनी शरण में ले लेते हैं। कृष्ण जन्म के बाद कंस को अपनी मृत्यु का भय सताने लगा और वह उन्हें पागलों की तरह ढूढ़ रहा था।
श्री पाण्डेय ने कहा कि एक दिन उसने पूतना नाम की राक्षसी को गोकुल धाम में भेज दिया। पूतना ने अपने स्तन में कालकूट विष लगाकर भगवान श्रीकृष्ण को अपनी गोद में ले लिया और उन्हें स्तनपान कराने लगी। वह बालकृष्ण को लेकर आकाश मार्ग से उड़ने लगी। धीरे-धीरे प्रभु जब दुग्ध के साथ उसके प्राणों को भी पीने लगे तो चीखने-चिल्लाने लगी। प्रभु ने मुष्टिका प्रहार कर उसका अंत कर दिया। कथा व्यास ने जब पूतना वध की कथा सुनाई तो पूरा पंडाल जय श्रीकृष्ण के उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर अनिल सिंह, आशुतोष सिंह, आनंद शर्मा, श्रीप्रकाश पाण्डेय, शरदेंदु शर्मा, जगजीवन प्रसाद शर्मा, आदि उपस्थित रहे। आयोजक जटाशंकर शर्मा ने आगुंतकों के प्रति आभार व्यक्त किया।