जौनपुर : 151 लाख रुपये की लागत से खड़े ढांचे का नहीं है कोई मलिकार
जौनपुर। विश्व प्रकाश श्रीवास्तव तहलका 24×7 151 लाख रुपये की लागत से खड़े ढांचा का 17 साल बाद भी कोई मालिक नहीं है। यह सुनने में अटपटा जरूर लग रहा, लेकिन यह सोलह आने सच है। नगर के राजकीय बालिका इंटर कालेज परिसर में अधूरा भवन कहने को राजकीय महिला डिग्री कालेज का है, लेकिन कहीं लिखा-पढ़ी में नहीं है।भवन के लिए महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय सम विकास से 3.25 करोड़ रुपये अवमुक्त किया गया था। योजना के धन के बंदरबांट की भेंट चढ़ गई। इसका कोई हाल-खबर लेने वाला नहीं है।
समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग यादव ने वर्ष 2005-06 में केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत 3.25 करोड़ रुपये राजकीय महिला डिग्री कालेज भवन नाम स्वीकृत किया था। इस धनराशि से तीन मंजिला विद्यालय भवन बनने थे। जिसमें से प्रथम किश्त दो करोड़ 42 लाख 16 हजार रुपये अवमुक्त हो गए थे। राजकीय बालिका इंटर कालेज परिसर में कार्यदाई संस्था डूडा ने निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। दो साल में 1.51 करोड़ लागत से ढांचा खड़ा कर काम रोक दिया गया। ठेकेदार का कहना था लागत अधिक आ रही है। इसी दौरान सत्ता परिवर्तन के साथ ही डीएम का भी स्थानांतरण हो गया। पांच साल बाद पुन: सपा सरकार के पदारूढ़ होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी कि बेटियों को गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा देने का सपना साकार होगा। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
# केंद्रीय विद्यालय की पहल भी ठंडे बस्ते में
डेढ़ दशक से खड़े ढांचे का सदुपयोग करने के लिए पूर्व में यहां जिलाधिकारी रहे डा. बलकार सिंह ने पहल शुरू किया था। कई साल से स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय का भवन बनने से यहां कक्षाएं संचालित करने हेतु पहल तेज हो गई थी। उनकी पहल पर कार्यदाई संस्था ने बची लगभग एक करोड़ की धनराशि से खिड़की, दरवाजा, फर्श, वायरिग आदि का कार्य भी शुरू कर दिया था लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
इस संबंध में पीओ डूडा अनिल कुमार ने बताया कि इस भवन में केंद्रीय विद्यालय खोलने की योजना है। अधूरे भवन के पूर्ण करने के लिए जिलाधिकारी से वार्ता हुई है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद पत्रावली प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।