सुल्तानपुर : वैचारिक लड़ाई की हथियार हैं किताबें- ज्ञानेन्द्र रवि
सुल्तानपुर। मुन्नू बरनवाल तहलका 24×7 ‘जब लड़ाई वैचारिक हो तो किताबें हथियार का काम करती हैं। किताबों का इतिहास शानदार और परम्परा भव्य रही है। किताबें मनुष्य की सच्ची मार्गदर्शक हैं’ यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं। वे विश्व पुस्तक दिवस पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों से पुस्तकों के महत्व पर चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुस्तकें सिर्फ जानकारी और मनोरंजन ही नहीं देती बल्कि हमारे दिमाग को चुस्त दुरुस्त रखती हैं। आज डिजिटलीकरण के समय भले ही पुस्तकों की उपादेयता और अस्तित्व पर प्रश्न उठ रहा हो लेकिन समाज में किताबें पुनः अपने सम्मान जनक स्थान पर प्रतिष्ठित होंगी इसमें कोई संदेह नहीं है ।