आजमगढ़ : खेतों में धड़ल्ले से जलाई जा रही पराली, जिम्मेदार मौन
आजमगढ़।
तहलका 24×7
खेतों में पराली न जलाने के प्रशासन और कृषि विभाग के दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहे हैं। ग्रामीण स्तर से लेकर ब्लाॅक स्तर पर पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए बनी कमेटी अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा रही है। इसके कारण अक्सर खेतों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
बृहस्पतिवार को रोक के बावजूद मार्टीनगंज ब्लाॅक के सतैनी गांव के एक खेत में धान की पराली जलाई जा रही थी। इस पर रोक लगाने के लिए मौके पर कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा। पराली जलने से आस-पास का क्षेत्र धुंआ धुंआ हो गया था। अगर किसानों को समय रहते गांव में जागरूक किया गया होता तो शायद इस प्रकार से पराली जलाने के मामले सामने नहीं आते। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ठेकमा जमुआवां निवासी अमित राय द्वारा बीडीओ और एसडीएम मार्टीनगंज को पत्रक भी दिया जा चुका है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों के माध्यम से हार्वेस्टिंग के बाद बचे हुए पराली को गौशालाओं तक पहुंचाने की मांग की थी, लेकिन उस पर भी अमल नहीं किया गया।