ईरान द्वारा पकड़े गए इजरायली जहाज फंसे भारतीय की वतन वापसी
नई दिल्ली।
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तेहरान में भारतीय मिशन के ठोस प्रयासों से कंटेनर जहाज एमएससी एरीज़ के चालक दल के सदस्यों में शामिल भारतीय डेक कैडेट एन टेसा जोसेफ की सकुशल वतन वापसी हो गई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केरल के त्रिशूर की रहने वालीं टेसा जोसेफ गुरुवार को कोच्चि पहुंचीं और क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि तेहरान में भारतीय मिशन मामले पर नजर बनाए हुए है और कंटेनर जहाज के अन्य 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों के संपर्क में है।
बयान में कहा गया है कि चालक दल के सदस्य अच्छे स्वास्थ्य में हैं और भारत में अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं।भारतीय मिशन एमएससी एरीज़ के शेष चालक दल के सदस्यों की वतन वापसी सुनिश्चित करने के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ भी संपर्क में है।
ईरान ने इजराइल से संबंधित इस कंटेनर जहाज को पिछले सप्ताह होर्मुज जलडमरू मध्य के पास से पकड़ा था।
चालक दल में 17 भारतीय शामिल थे। ईरान इजराइल के बीच तनाव को देखते हुए 15 अप्रैल को विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से बात की, और एमएससी एरीज़ पर सवार 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों के मामले को उठाया।बातचीत के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही भारत सरकार के प्रतिनिधियों के लिए जहाज के चालक दल के सदस्यों से मिलने की व्यवस्था की जाएगी।
वहीं, जयशंकर ने बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि एमएससी एरीज़ पुर्तगाली ध्वज वाला जहाज था। जिसे ईरानी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया था। बाद में जहाज को ईरान लाया गया। मैंने अपने ईरानी समकक्ष से बात की और उन पर दबाव डाला। मैंने कहा कि भारत से चालक दल के 17 सदस्य हैं। ईरानी सरकार को हिरासत में लिए गए सभी भारतीय सदस्यों को छोड़ देना चाहिए।
इस बीच ईरान ने अपील की है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और गाजा में युद्ध रोकने का आह्वान करना चाहिए। ईरान गाजा में स्थायी युद्धविराम और भूमध्य सागरीय तट से लाल सागर तक फैले पूरे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की स्थापना की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने मौजूदा ईरान-इजरायल संघर्ष के मद्देनजर तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।