जौनपुर : मास्टर प्लान से बगैर ले-आउट पास कराए प्लाटर नहीं बेच सकेंगे प्लाट
# प्लाटिंग में 25 फिट का रास्ता और पार्क अनिवार्य, नहीं बेच सकते ग्रीन लैंड व पार्क की जमीन
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
अब नगर में भूमि की प्लाटिंग करने वाले प्लाटर लोगों को धोखा नहीं दे सकेंगे। इसके लिए प्रशासन के कमर कस ली है। प्लाटर किसी को भी ग्रीन लैंड व पार्क की जमीन नहीं बेच सकेंगे। भूमि को बेचने से पहले उसका मास्टर प्लान कार्यालय में ले-आउट तैयार करके अनुमति लेनी पड़ेगी। जिसमें पार्क, रास्ता निर्माण का खाका खींचा जाएगा।प्रशासन की इस नई व्यवस्था से लोगों को सपनों का घर बनाने से पहले झटका नहीं लगेगा।
नगरीय क्षेत्र में अक्सर देखने को मिलता है कि प्लाटर की तरफ से ग्रीन लैंड व पार्क वाले क्षेत्रों में भूमि को खरीदकर प्लाटिंग कर दी जाती है। इसमें लोग अपनी गाढ़ी कमाई से भूमि की खरीद तो लेते है लेकिन बाद में पता चलता है कि वहां नक्शा ही नहीं पास हो सकता। जिससे उस भूमि को अवैध माना जाता है। ऐसे में मास्टर प्लान कार्यालय की तरफ से महायोजना 2031 के लिए कलेक्ट्रेट व मास्टर प्लान कार्यालय में लगाए गए एक माह के शिविर में काफी ऐसे मामले आए जिसमें लोगों ने आवेदन किया कि उनको राहत देते हुए नक्शा बनाने की मंजूरी मिले।
इसमें प्रशासन के समक्ष आवेदनकर्ताओं ने बताया कि उन्हें भूमि की खरीद से पहले ग्रीन लैंड व पार्क में भूमि न खरीदने की जानकारी नहीं थी। प्लाटरों के ले-आउट तैयार करके अनुमति लेने से लोगों को सहूलियत होगी कि प्लाटिंग में उन्हें एक पार्क व 25 फीट का रास्ता देना होगा। इससे लोगों को आठ फीट व 10 फीट के रास्तों से मुक्ति मिल जाएगी और उनके सपनों का घर काफी सुंदर दिखने लगेगा।
इस संदर्भ में जेई मास्टर प्लान मिथिलेश कुमार ने बताया कि कोई भी प्लाटर विनियमित क्षेत्र में प्लाटिंग करने से पहले वहां 25 फीट का रास्ता व एक पार्क तैयार करेगा। इसका एक ले-आउट मास्टर प्लान कार्यालय से पास कराना होगा। इसके बाद ही प्लाटिंग की अनुमति दी जाएगी अन्यथा उन प्लाटों को अवैध माना जाएगा, साथ ही प्लाटरों के ऊपर भी कड़ी कार्रवाई होगी।