धूमधाम से मनाई गयी महर्षि वाल्मीकि की जयंती
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर शनिवार को निवर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ अवधनाथ पाल की अध्यक्षता में महर्षि वाल्मीकि का जंयती बड़े धूमधाम मनाई गई। सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया।डॉ अवधनाथ पाल ने जंयती के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था। जिस कारण उन्होंने भीलों की पंरपरा को अपनाया और आजीविका के लिए डाकू बन गए अपने परिवार के पालन पोषण के लिए राहगीरों को लूटते थें एवं जरूरत होने पर मार भी देते थें इस प्रकार वे दिन प्रतिदिन अपने पापों का घड़ा भर रहें थें।
एक दिन उनके जंगल से नारद मुनि निकल रहें थें उन्हें देख रत्नाकर ने उन्हें बंदी बना लिया नारद मुनि ने उसे सवाल किया कि तुम ऐसा पाप क्यों कर हो रत्नाकर ने जवाब दिया अपने और परिवार की जीवन यापन के लिए तब नारद मुनि ने पूछा जिस परिवार के लिए तुम ये पाप कर रहे हो क्या वह परिवार तुम्हारे पापों की फल का भी वहन करेगा। रत्नाकर ने जोश के साथ कहा बिल्कुल करेगा मेरा परिवार मेरे साथ सदैव खड़ा रहेगा। नारद मुनि ने कहा एक बार तुम अपने परिवार से पूछ लो अगर वह हां कहेंगे तो मैं तुम्हें अपना धन दे दूंगा। रत्नाकर ने अपने सभी परिवार जनों एंव मित्र जनों से पूछा लेकिन किसी ने इस बात पर हामी नहीं भरीं इस बात का रत्नाकर पर गहरा आघात पहुंचा और उन्होंने दुराचारी के उस मार्ग छोड़ तप का मार्ग चुना। कई वर्षों तक ध्यान एवं तपस्या की जिसके फलस्वरूप उन्हें महर्षि वाल्मीकि का नाम एवं ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण महाग्रंथ की रचना की इस प्रकार जीवन की एक घटना ने डाकू रत्नाकर को महर्षि वाल्मीकि बना दिया।
जंयती के अवसर पर राजेन्द्र टाइगर, राहुल त्रिपाठी, हीरालाल विश्कर्मा, इर्शाद मंसूरी, मेवालाल गौतम, अजमत अली, अनील दूबे, अखिलेश यादव, रामू मौर्या, विरेन्द्र यादव, प्रवीण सरोज, हरिचंद प्रभाकर, तारा त्रिपाठी, अन्नू देवंवशी, मुकेश यादव, अब्बूशाद आदि मौजूद रहे। संचालन निवर्तमान महासचिव अंखड प्रताप यादव ने किया।