पूरी प्लानिंग से की गई विजय की हत्या, आमजन में आक्रोश, हत्यारे पुलिस की पकड़ से दूर
सुल्तानपुर।
तहलका 24×7
दरियापुर तिराहे पर जिस तरह से विजय नारायन की हत्या की गई उससे यह स्पष्ट होता है कि हत्यारे पूरी योजना बनाकर आए थे। बताया जाता है कि हत्यारे पहले विजय नारायन के साथ ही बार में आए, जहां कुछ विवाद हुआ और यहीं से हत्या की साजिश रची गई। कुछ ही देर में इस वारदात को अंजाम दे दिया गया।
देर रात हुई हत्या में पुलिस को तहरीर भी नहीं मिली, पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विजय नारायन चार पांच लोगों के साथ पल्लवी बार में आया था। वहां शराब पीने के दौरान जमीन के किसी मामले को लेकर अजय सिंह से विवाद हो गया।
बताया जाता है कि इसके बाद अजय चला गया, जबकि विजय नारायन बार में ही मौजूद रहा। कुछ ही देर के बाद हेलमेट पहना व्यक्ति अंदर पहुंचा, जिसकी विजय के साथियों से बहस हुई और उसके बाद उसने गोलियां चलाना शुरू कर दिया।
पुलिस को घटनास्थल के पास कुछ खोखे मिले हैं। सूत्रों के अनुसार अजय सिंह अंबेडकरनगर के महरुआ का रहने वाला है, जो अजय सिपाही गैंग से जुड़ा बताया जाता है। अजय प्रापर्टी के कारोबार से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही पयागीपुर के चर्चित भारत भूषण हत्याकांड के एक आरोपी का नाम भी चर्चा में आ रहा है, लेकिन एसपी सोमेन बर्मा जानकारी से इंकार कर रहे हैं।
शहर में हत्या या किसी बड़े अपराध को अंजाम देकर अपराधियों के भाग निकलने का ये कोई पहला मामला नहीं रहा। हत्यारे जिस तरह से फरार हुए हैं, उससे उन्होंने साफ कर दिया कि समय पर सूचना प्रसारित करने और नाकेबंदी कर अपराधियों को दबोचने का पुलिस का तंत्र अभी भी काफी कमजोर है। हत्यारों को शायद इस बात का आभास था कि हत्या करने के बाद चेकिंग में वह फंस सकते हैं। इसलिए हत्यारे का एक साथी बाहर बाइक स्टार्ट करके खड़ा था। सवाल यह उठता है कि चंद कदम पर ही शाहगंज पुलिस चौकी और जिस ओर हत्यारे भागे, उस ओर पयागीपुर में भी पुलिस चौकी है।
इसके बावजूद किसी ने उन्हें रोका कैसे नहीं? चर्चाओं के अनुसार फायरिंग की आवाज पुलिस चौकी तक सुनाई दी थी।मेडिकल कॉलेज में जब विजय नारायन व उसके साथी को गोली लगने के बाद लाए जाने की खबर शहर में फैली तो भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस अधीक्षक के पहुंचने तक वहां एक हजार से अधिक लोग जमा हो चुके थे। उन्हें नियंत्रित करने में ही पुलिस के पसीने छूट गए। आक्रोशित लोग पुलिस को न केवल कोस रहे थे बल्कि बार-बार आक्रामक भी हो रहे थे। लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर अधिक था कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही। बीच शहर में हुई वारदात को भी पुलिस की कमजोरी बताकर लोग नाराजगी जता रहे थे।
जिले में एंबुलेंस सेवा की लापरवाही एक बार फिर सामने आई। इतनी बड़ी वारदात हो जाने के बाद तत्काल एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हो सका, जबकि यह स्पष्ट था कि घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज में नहीं हो पाएगा। अंततः विजय नारायन की मौत हो गई। पुलिस ने घायल से पूछताछ की और उसे रेफर किया गया। तब तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। करीब 15 मिनट इमरजेंसी के गेट पर परिजनों को एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा।