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Wednesday, May 1, 2024

बड़े ही अकीदत के साथ अदा की गई माह-ए-रमज़ान के पहले जुमे की नमाज

बड़े ही अकीदत के साथ अदा की गई माह-ए-रमज़ान के पहले जुमे की नमाज

जौनपुर। 
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव 
तहलका 24×7 
                जनपद में आज रमज़ान के पहले ही दिन जुमा  होने के कारण भारी संख्या में नमाजियों ने जुमे की नमाज अदा की। मुख्य रूप से अटाला मस्जिद, बड़ी मस्जिद, शिया जामा मस्जिद, शेर की मस्जिद सराय पोख्ता, मस्जिद किला, मस्जिद मदीना, मस्जिद हजरत लुक्का शाह, मस्जिद लाल दरवाजा मस्जिद समेत तमाम मस्जिदों में भी नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा।
इसी क्रम में शिया जामा मस्जिद जौनपुर के इमाम ए जुमा मौलाना महफुज़ुल हसन खान ने सभी को रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए कहा कि अल्लाह, ईश्वर का शुकराना अदा करते हुए आज हम रमज़ान उल मुबारक का इस्तकबाल कर रहे हैं। सबको इसके हुकूक को पहचान कर उन्हें हर कीमत पर अदा करना है। इस मुबारक महीने का सबसे पहला हक यह है कि हम इस महीने की ताज़ीम व एहतेराम का पूरा खयाल रखें यानी हमारे किसी भी अमल से उसकी अजमत व हुरमत हरगिज़ पामाल ना होने पाए। यह उस सूरत में मुमकिन है जब हम वाजिबात की पाबंदी करें और हराम बातों से खुद को दूर रखें। रमजान मुबारक महीने का सबसे बड़ा हक यह है कि इबादतें और आमाल जो इस महीने से मखसूस है हम उन्हें हर कीमत पर अंजाम दें और उनको बजा लाने में किसी तरह की कोताही ना करें । रोज़ा इस महीने की खास इबादत है जो हर उस व्यक्ति पर वाजिब है जिस पर नमाज वाजिब है यह इबादत साल में सिर्फ एक बार 30 दिनों के लिए इंसान के द्वारा अदा होती है लेकिन इसके फायदे और इसकी बरकतें पूरी जिंदगी के लिए होती है।
मनुष्य को इंसान बनाने में अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करती है, इसलिए सभी को रोज़ा रखना चाहिए। इबादत रोज़ा द्वारा समाज से अमीर व गरीब के फर्क को मिटाया जा सकता है। रोजा इंसान को नफ़सक की मुखालिफत की तरबियत देता है क्योंकि तमाम गुनाहों का सबक खवाहिशात की पैरवी है। रोजे हमें इससे दूर रहने का हुनर देते हैं। ऐसे में अगर हम रोजे की पूरी शर्तों के साथ रोज़ा रहें तो यकीनन हमारे अंदर यह सलाहियत पैदा हो सकती है। हम रमज़ानुल मुबारक माह गुजर जाने के बाद भी जिंदगी में कभी अल्लाह, ईश्वर की नाफरमानी नहीं करेंगे और तमाम पापों से बचे रहेंगे। आइए हम सब मिलकर दुआ करें कि अल्लाह, ईश्वर हमें हर साल की तरह इस साल के रोज़ो को भी रखने की ताकत व हिम्मत इनायत फरमाए और उसकी रहमते व बरकते हमेशा की तरह इस माहे रमजान में भी प्राप्त हो। अल्लाह, ईश्वर से यही प्रार्थना है कि हमारे मुल्क, क़ौम, मिल्लत एवं परिवार पर अल्लाह, ईश्वर की हमेशा कृपा बरसती रहे। इस अवसर पर शिया जामा मस्जिद के प्रबंधक शेख अली मंजर डेज़ी, शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद असलम नक़्वी, सैयद मोहम्मद हसन, हाशिम खान, तालिब रजा शकील एडवोकेट, नासिर रजा गुड्डू एवं अन्य कमेटी के लोगों ने जुमे की नमाज को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

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