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Friday, May 3, 2024

लखनऊ : कायस्थ जाति को पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की मांग

लखनऊ : कायस्थ जाति को पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की मांग

# अभा. कायस्थ महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

लखनऊ।
विजय आनंद वर्मा
तहलका 24×7
             अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय एवं महामंत्री विश्व मोहन कुलश्रेष्ठ के मार्गदर्शन में उप्र कायस्थ महासभा ने कायस्थ जाति को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की पुरज़ोर मांग की है। इस विषय में कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रसेन श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संदर्भित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी को उनके कार्यालय में सौंपा।

इस पत्र में महासभा ने बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, कायस्थ समाज का सबसे पुराना व एकमात्र सर्वमान्य प्रतिनिधि संगठन है। महासभा के अध्यक्ष इन्द्रसेन श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थ जाति को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने के विषय को लेकर कायस्थ समाज के बीच जनमत संग्रह कराया गया। जिससे प्राप्त बहुमत के परिणाम के आधार पर महासभा ने आयोग के समक्ष कायस्थ समाज को ओबीसी/पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिए जाने की मांग की है।
कायस्थ समाज को भी (39 जातियों) ओबीसी में शामिल किए जाने को लेकर मा. आयोग द्वारा विचार किए जाने की खबर का अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने स्वागत करते हुए कहा कि उक्त विचार का पूर्ण रुप से महासभा समर्थन करती है। जैसा कि सर्वविदित है कि कायस्थ जाति लंबे समय से सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनैतिक रूप से निरंतर अवनति की ओर जा रही है, जो कि इस जाति को ओबीसी में लिए जाने के विचार को तथ्यपरक, तार्किक, मजबूत व न्यायसंगत आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।

# 7 सूत्रीय ज्ञापन की मांग

1. वर्तमान समय में कायस्थ जाति के पास आय का कोई स्थाई साधन नहीं है, कायस्थ समाज के लिए केवल प्राइवेट सेक्टर की नौकरियां ही इस जाति की जीविका का एकमात्र साधन है।
2. सरकारी नौकरियों में कायस्थ समाज के साथियों की संख्या अब लगभग शून्य के समान है।
3. कायस्थ समाज के पास न खेती है और ना ही कोई पैतृक पारिवारिक व्यापार का आधार।
4. कायस्थ जाति का राजनीति में भी प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है।
5. कायस्थ जाति आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पाने में भी असमर्थ है।
6. कायस्थ जाति का अपना कोई राजनीतिक आधार ना होने के कारण उसकी समस्याओं को प्रभारी स्वर नहीं मिलता।
7. कायस्थ जाति को ओबीसी आरक्षण के दायरे में लिए जाने का प्रस्ताव अपनी संस्तुति सहित उत्तर प्रदेश सरकार को स्वीकृत हेतु अग्रसारित करे।

प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रसेन श्रीवास्तव, महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष वीके श्रीवास्तव, कायस्थ महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष अल्पना श्रीवास्तव, कायस्थ महासभा के विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास बक्शी, प्रदेश सचिव/मीडिया प्रभारी नितिन श्रीवास्तव, अधिवक्ता आलोक श्रीवास्तव एंव विनय श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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