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Friday, July 11, 2025

संविदा चिकित्सकों की भर्ती में भारी पड़ी माननीयों की लिस्ट! 

संविदा चिकित्सकों की भर्ती में भारी पड़ी माननीयों की लिस्ट! 

# रिक्त पद 39 में 20 महिला और 19 पुरुष के लिए है मानक, पांच मई को समाप्त हुआ साक्षात्कार, आवेदक थे सात सौ से अधिक, माननीयों की लिस्ट और सुविधा शुल्क के दबाव से भर्ती लेने वाले पड़े सांसत में। 

कैलाश सिंह
लखनऊ/जौनपुर। 
तहलका 24×7 
              उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ की ईमानदारी और सख्त कानून व्यवस्था बनाए रखने के मामले में देशभर में किसी के पास शक की कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन उनके मातहत माननीय हों या प्रतिनिधि अथवा नौकरशाही इनपर किसी भी आम आदमी को भरोसा नहीं है। प्रदेशभर में आज भी थानों की चौकियों, ब्लॉकों से लेकर तहसीलों व जिला मुख्यालयों में बैठे आला अफसरों के कान, आंख और जुबान सामान्य पीड़ित के लिए बंद रहते हैं। वह भी अपने मातहतों की आंख, कान और जुबान की ही भाषा समझते हैं। सीएम योगी ने नौकरशाही पर लगाम कसने के लिए हाल ही में ग्रेडिंग की व्यवस्था की है, लेकिन यह कितनी कारगर होगी वह तो भविष्य के गर्त में है परन्तु अभी तो सुविधा शुल्क के तरीके ‘रिदम’ में हैं।
इस खबर में जौनपुर जिले की बानगी दी जा रही है जो प्रदेश के हर जिले की स्थिति को बयां करने के लिए ‘पतीले के चावल के एक दाने की तरह साबित होगी’। जिस तरह जौनपुर के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती में खूब मनमानी चली है, उसी तरह विगत पांच मई तक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्राथमिक विद्यालयों और आंगन बाड़ी केंद्रों के बच्चों के स्वास्थ्य जांच व इलाज के लिए सात सौ से ज्यादा बीएमएस चिकित्सकों के इंटरव्यू संपन्न हुए। जबकि रिक्त पद कुल 39 में से 20 महिला और 19 पुरुष के हैं। इसी में आरक्षण के अन्य मानकों को पूरा करना है।
इस प्रकरण में दिलचस्प पहलू ये है कि चयनित अभ्यर्थियों को हर साल रिनिवल के लिए मोटी रकम देनी पड़ेगी। जाहिर है जिसे थानेदारों की तरह ऊपर तक सालाना रकम देनी होगी वह तो कमाना ही चाहेगा, ऐसे में वह बच्चों के स्वास्थ्य की गंभीरता से जांच में समय क्यों गंवाएगा। अब हर कोई सोचेगा कि उसकी कमाई कैसे होगी? तो जान लीजिए वह निजी चिकित्सकों के लिए दलाल बनेगा और उसे मोटा कमीशन मिलेगा। अब इनकी तुलना सफाई कर्मियों या प्राथमिक शिक्षकों से मत करियेगा, क्योंकि वह काम पर और स्कूल न जाने के पैसे अपने अफसरों को देते हैं, यहां निरंतर काम करने के पैसे देने होते हैं।
दरअसल बीएमएस चिकित्सकों की 39 रिक्त पदों पर भर्ती में भी लाखों की लॉटरी चली है, जिन माननीयों ने भर्ती अफसरों के पास अपने कैंडिडेट की लिस्ट भेजी है वह पहले ही मोटी रकम ले चुके होंगे। सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है कि एक माननीय ने 10 कैंडिडेट के नाम भेजे हैं, बाकी कई माननीयों ने दो, चार की सूची दी है, जाहिर है भर्ती करने वालों को कुछ नहीं मिल पाएगा, ऊपर से आरक्षण के मानक भी तय होने हैं, हालांकि इसी आरक्षण का हवाला देकर वह अपना गला और पैसा बचा सकते हैं।

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