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Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : नवरात्रि के पहले दिन चौकियां धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जौनपुर : नवरात्रि के पहले दिन चौकियां धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
                  पूर्वांचल की आस्था का केंद्र मां शीतला चौकियां धाम में चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन शनिवार को तड़के भोर से ही सैकड़ो दर्शनार्थियों ने कतार बद्ध होकर माता रानी के चरण स्पर्श कर के दर्शन पूजन किया। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन दूर- दूर से आये सैकड़ो भक्तो मां के दरबार में हाजिरी लगाई।

शनिवार को भोर के चार बजे ही मंदिर के कपाट खुलने के बाद माता रानी की आरती पूजन होने के बाद भक्त नारियल चुनरी धूप अगरबत्ती लेकर माता के दर्शन किये। भक्तो के जय जय कारे से मंदिर परिसर का वातावरण भक्तिमय हो गया। दूर- दूर से भक्त अपने परिवार के सदस्यों के साथ आकर माता रानी के दर्शन पूजन किये। विगत दो वर्ष बाद इस बार चैत्र नवरात्रि में भक्त माता रानी के चरण को छू कर दर्शन प्राप्त कर रहे हैं। सुबह से सैकड़ो भक्तो की लंबी कतार लगी रही दर्शन के लिए। मां शीतला के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता के दरबार में जो भी भक्त कोई मन होता है।

पूर्वांचल के अगल बगल के जिले आजमगढ़, बनारस, भदोही, गाजीपुर, मऊ, बलिया, सुल्तानपुर आदि जिलों के अलावा विदेशों में बसे लोग भी नवरात्र में मां का दर्शन करने पहुंचते हैं। साथ ही परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार लोग धाम में शादी के उपरांत दर्शन पूजन मुंडन संस्कार भी कराए जाने की विशेष मान्यता है। मंदिर प्रबंधक अजय पंडा ने बताया कि लगभग दो साल से कोरोना महामारी के वजह से भक्त माता रानी का झांकी दर्शन कर के चले जाते थे। इस बार उन्हें माता रानी के चरण छू कर दर्शन करने का अवसर मिला है। ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों को मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने के लिए जाना होता है उन्हें पहले मां शीतला के दरबार में हाजिरी लगानी होती है तभी उनकी पूजा सफल होती है।

पौराणिक कथाओं में ऐसी भी मान्यता है की मां शीतला के दरबार में दर्शन करने और मदद मांग से मांगने से जिनको औलाद नहीं है उन्हें औलाद प्राप्त होती है इसलिए भक्तों में काफी उत्साह है। मान्यता यह भी है कि माता रानी यहां स्वयं से निकली हुई है। माता की मूर्ति में खास बात यह है कि माता दक्षिण मुख करके विराजमान हैं ऐसी मान्यता है जो मूर्तियां दक्षिण में विराजमान होती है उनसे कोई भी मन्नत मांगने से जरूर पूरी होती है। मां के दरबार के पीछे एक बड़ा विशाल ताला भी है जिसमें नहाने से तमाम तरह के चर्म रोग भी खत्म हो जाते हैं ऐसी पौराणिक कथाओं में मान्यता प्रचलित है। मंदिर परिसर के अंदर ही भगवान श्री हरि विष्णु का विशालकाय मंदिर स्थापित है जहां लोग माता के दर्शन के उपरांत पूजन करते हैं। मंदिर परिसर की सुरक्षा के मद्देनजर चौकियां चौकी की पुलिस बल लगातार चक्रमण करती रही। भक्तों की रक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए हैं।

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