दहेज हत्या में सास, ननद और देवरानी को उम्रकैद
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मो. शारिक सिद्दीकी ने दहेज की मांग को लेकर विवाहिता की जलाकर हत्या करने के मामले में दोषी सास, ननद व देवरानी को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 10,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।घटना की प्राथमिकी मृतका के पिता मोतीलाल ने चंदवक थाने में दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उसने अपनी पुत्री प्रीति का विवाह 24 जून 2012 को गुड्डू निवासी ग्राम बगेरवां थाना चंदवक से किया था।
विवाह के बाद ससुराल वाले दहेज में 50 हजार रुपये व बाइक की मांग को लेकर प्रीति को प्रताड़ित करते थे। 25 जून 2017 को रात नौ बजे प्रीति ने फोन कर बताया कि ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर बुरी तरह मारपीट रहे हैं। अब मेरा जिंदा बचना मुश्किल है। बात करते-करते फोन कट गया। बाद में मोबाइल बंद हो गया। 26 जून 2017 को सुबह छह बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर प्रीति के पिता को बताया कि ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर प्रीति को जला दिए हैं। गांव वाले उसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय ले गए हैं। वहां पहुंचने पर प्रीति ने बताया कि ससुराल वाले मिट्टी का तेल छिड़क कर जला दिए हैं। इलाज के दौरान 29 जून 2017 को प्रीति की मृत्यु हो गई।पुलिस ने विवेचना करके सास इनरा देवी, ननद रीता व देवरानी संगीता के खिलाफ केस डायरी कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर तीनों को विवाहिता की हत्या के जुर्म में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।